भारत की 3 सबसे बड़ी कंपनियां जो सोलर-विंड हाइब्रिड एनर्जी में काम करती हैं
आज के समय में सौर-पवन हाइब्रिड ऊर्जा वाली कंपनियों में निवेश करने से कई लाभ मिलते हैं। ये सिस्टम सोलर और पवन ऊर्जा दोनों की ताकत का उपयोग करके ज्यादा विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करते हैं। इससे उतार-चढ़ाव के लिए आसानी से क्षतिपूर्ति करते हैं।
इसके अलावा वे कार्बन उत्सर्जन को कम करने, बिजली की लागत कम करने और ऊर्जा विश्वसनीयता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे आप अक्षय ऊर्जा में एक स्थायी भविष्य को दर्शाते है। इस लेख में हम बात करेंगे हाइब्रिड एनर्जी में काम करने वाली 3 ऐसी कंपनियों के बारे में और जानेंगे कैसे आप इनमे निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं लम्बे समय में।
1. केपी एनर्जी
गुजरात में स्थित केपी एनर्जी लिमिटेड पवन ऊर्जा समाधानों पर अपना व्यवसाय रखती है। कंपनी पवन फार्मों के लिए इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और कमीशनिंग सेवाएं प्रदान करती है साथ ही रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के जीवनचक्र को भी समर्थन करने में मदद करती है। इस कंपनी का वर्त्तमान बाजार पूंजीकरण ₹3,870 करोड़ है और इसके शेयर का मूल्य मंगलवार को ₹562.70 प्रति शेयर पर बंद हुआ जो ₹545.70 से 3.13% ज्यादा है।
कंपनी के पोर्टफोलियो की बात करें तो इसने 2.91 गीगावाट से ज्यादा की कुल सोलर और हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो कंपनी ने राजस्व में 185.5% की वृद्धि हुई है। यह Q2FY24 में ₹69 करोड़ से बढ़कर Q2FY25 में ₹197 करोड़ हो गया था जबकि लाभ ₹8 करोड़ से बढ़कर ₹22 करोड़ हो गया।
2. सुजलॉन एनर्जी
सुजलॉन एनर्जी एक वैश्विक अक्षय ऊर्जा समाधान प्रदाता है और भारत की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा कंपनियों में से एक है, यह कंपनी 17 देशों में अपना संचालन कर रही है। यह कंपनी अपने पवन टरबाइन निर्माण के लिए जानी जाती है और अक्षय ऊर्जा को सुलभ और लागत प्रभावी बनाने के लिए डिजाइन, निष्पादन और रखरखाव सेवाएं भी प्रदान करती है।
इस कंपनी का बाजार पूंजीकरण ₹85,084 करोड़ के आस-पास है और इसके शेयर का मूल्य मंगलवार को ₹59.40 से 4.97% ऊपर है और ₹62.35 प्रति शेयर पर बंद हुआ था। कंपनी के पोर्टफोलियो की बात करें तो कंपनी ऑयस्टर ग्रीन के लिए 81.9 मेगावाट हाइब्रिड परियोजना सहित हाइब्रिड परियोजनाओं में विविधता रखती है।
इस परियोजना में आगरा में 3.15 मेगावाट की रेटेड क्षमता वाले 26 पवन टरबाइन जनरेटर शामिल हैं। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो इसने अपने राजस्व में 48% की वृद्धि की है और Q2FY24 में कंपनी का राजस्व ₹1,421 करोड़ से Q2FY25 में ₹2,103 करोड़ हो गया है। कंपनी का लाभ भी ₹102 करोड़ से बढ़कर ₹201 करोड़ हो गया है।
3. अडानी ग्रीन एनर्जी
यह कंपनी भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है जो सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में विशेषज्ञता रखती है। यह कंपनी वर्त्तमान समय में 20,000 मेगावाट से ज्यादा के व्यापक पोर्टफोलियो के साथ सरकारी संस्थाओं के साथ लम्बे समय के लिए बिजली खरीद समझौतों (PPA) के तहत काम करती है। इससे भारत की स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं में हैं योगदान देते हुए स्थिर राजस्व सुनिश्चित होता है।
वर्त्तमान समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण ₹2,23,625 करोड़ के ऊपर है और इसके शेयर का मूल्य मंगलवार को ₹1,411.75 प्रति शेयर पर बंद हुआ जो इसके पिछले दिन के ₹1,457 से 3.11% कम है। कपनी के पोर्टफोलियो में लगभग 19% हाइब्रिड, जिसमें सौर ऊर्जा का प्रभुत्व 66% है। कंपनी राजस्थान के जैसलमेर में एक बड़ा सौर-पवन हाइब्रिड संयंत्र संचालित करती है जहाँ हाइब्रिड ऊर्जा के लिए क्षमता उपयोग वित्त वर्ष 24 में स्टैंडअलोन सोलर या पवन से आगे निकल गया है।
कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो कंपनी परिचालन से राजस्व में 37.61% की वृद्धि हुई है जो Q2FY24 में ₹2,220 करोड़ से बढ़कर Q2FY25 में ₹3,055 करोड़ हो गया है। इसी के साथ कंपनी के लाभ भी ₹371 करोड़ से बढ़कर ₹515 करोड़ हो गया है।