नई सोलर सुजल योजना के तहत किसनो को मिलेंगे 3 HP और 5 HP के सोलर पंप
भारत में कृषि को बढ़ावा देने और किसानों की सहायता करने के लिए सरकार ने नई सोलर सुजल योजना शुरू करी है। इस योजना के माध्यम से देश भर के किसानों को 9,143 सोलर पंप प्रदान किए जाएंगे जिनमें से अब तक लगभग 1,500 पंप पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
इस योजना के तहत एक बार सोलर पंप स्थापित हो जाने के बाद किसान अपनी फसल का उत्पादन दोगुना कर सकते हैं और अपनी आय में भी वृद्धि कर सकते हैं। पहले किसान सिंचाई के लिए आम बिजली के उपकरणों पर निर्भर थे लेकिन बार-बार बिजली कटौती और उच्च बिलों ने उचित फसल उत्पादन को बनाए रखना काफी मुश्किल बन गया है।
सरकार की नई सोलर सुजला योजना के साथ देश के किसान अब इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं और कई लाभ उठा सकते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे इसी योजना के बारे में और जानेंगे इसकी पूरी प्रक्रिया और कैसे देश के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ की सोलर सुजला योजना
इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के किसान कृषि में काफी प्रगति कर रहे हैं खासकर चावल और विभिन्न सब्जियाँ उगाने के लिए। प्रदेश के कई किसानों ने बताया कि सोलर पंप प्राप्त करने के बाद से उन्होंने अपनी फसल की उपज को सफलतापूर्वक दोगुना कर दिया है।
एक किसान ने 2023-24 के दौरान अपने 1.5 एकड़ खेत पर 3 hp का सौर पंप लगाया है। इस सोलर पंप की मदद से वे अपने खेतों की सिंचाई को और भी आसान कर पाए हैं जिसके कारण उनके खेत में चावल की पैदावार दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। चावल के अलावा किसानो ने अपनी खेती में सब्ज़ियाँ और साग-सब्जियाँ भी शामिल की हैं जिससे लाभ दोगुना हो गया है।
सोलर सुजला योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
सबसे पहले अपने आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, भूमि सर्वेक्षण (खसरा), खेत के क्षेत्र का विवरण और कार्य स्थल का सत्यापित मानचित्र सहित आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें। फिर 3hp पंप के लिए ₹3,000 का डिमांड ड्राफ्ट आवश्यक है और 5hp पंप के लिए डिमांड ड्राफ्ट राशि ₹4,800 है। फिर स्थापना स्थल की तस्वीरें और अपनी पासबुक की एक कॉपी प्रदान करें।
इसके बाद सभी आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने और आवेदन पत्र भरने के बाद, आपको आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी, क्रेडा (छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी) या कृषि उप निदेशक कार्यालय से संपर्क करना होगा।
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