अडानी का सबसे बढ़िया 3kW क्षमता का सोलर सिस्टम
भारत के अग्रणी सोलर ब्रांड्स में से एक, अडानी सोलर आवासीय ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्नत सोलर समाधान प्रदान करती है। अब आप भी अडानी का सबसे कुशल 3kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगा सकते हैं जो एक लागत प्रभावी समाधान है।
यह सिस्टम हर दिन 15 यूनिट बिजली तक उत्पादित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह टिकाऊ ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देते हुए बिजली के बिलों को काफी कम करता है। इस लेख में हम बात करेंगे अडानी के 3kW क्षमता के सोलर सिस्टम को स्थापित करने में कितना खर्चा आता है। आइए जानते हैं।
अडानी 3kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
इस सिस्टम के मुख्य घटक में सोलर पैनल शामिल है जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। सोलर इन्वर्टर जो सोलर पैनल द्वारा उत्पन्न डीसी बिजली को घरेलू उपकरणों द्वारा उपयोग की जाने वाली एसी बिजली में परिवर्तित करता है।
और नेट मीटरिंग जो ग्रिड में वापस भेजी गई बिजली को ट्रैक करता है और शुद्ध उपयोग की गणना करता है।
यह सिस्टम न्यूनतम बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए आदर्श है। यह सिस्टम हर दिन 15 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले घरों के लिए उपयुक्त है। इस सिस्टम को बैटरी रहित सोलर सिस्टम के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह सीधे बिजली ग्रिड से जुड़ता है।
सोलर पैनलों द्वारा उत्पन्न बिजली ग्रिड के साथ साझा की जाती है और शुद्ध खपत की गणना करने के लिए नेट मीटर का उपयोग करके की जाती है। यह सिस्टम बिजली के बिलों को काफी कम कर सकता है जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल और किफायती विकल्प बन जाता है।
लागत का विवरण
स्थापना की लागत उपयोग किए जाने वाले सौर पैनलों के प्रकार पर निर्भर करती है। इस सिस्टम में 335W के 9 पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का उपयोग किया जा सकता है जिसकी लागत ₹80,000 होगी, अडानी के 3kVA ऑन-ग्रिड सोलर इन्वर्टर की लागत ₹40,000 होगी।
अन्य लागत (नेट मीटर और सहायक उपकरण) ₹20,000 होगी जिससे सिस्टम की कुल लागत पॉलीक्रिस्टलाइन पैनलों के साथ ₹1.40 लाख तक हो सकती है औरर मोनो सोलर पैनलों के साथ ₹1.60 लाख तक हो सकती है।
सब्सिडी लाभ
सरकार की नई पीएम सूर्याघर निःशुल्क बिजली योजना के तहत ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित करने वाले परिवार सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। 3kW प्रणाली के लिए सब्सिडी राशि ₹78,000 है जिससे सब्सिडी के बाद प्रभावी लागत ₹70,000 से ₹1,00,000 तक हो सकती है। यह सरकारी पहल किफायती स्थापना सुनिश्चित करती है और अक्षय ऊर्जा सिस्टम को अपनाने को प्रोत्साहित करती है।