भारत की सबसे बड़ी सोलर कंपनियों में से एक, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर रहेंगे चर्चा में, जानिए कारण

भारत की सबसे बड़ी सोलर कंपनियों में से एक, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर रहेंगे चर्चा में

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) में चल रहे विवादों और बाजार की बढ़ती चुनौतियों के बावजूद अडानी ग्रुप की ओर से ज़रूरी घोषणा हुई जिसके बाद निवेशकों ने काफी ज़ोर दिया कंपनी के शेयर में जिससे अडानी ग्रीन के शेयर में भी आई तेज़ी। हाल ही में लगे आरोपों और विवादों के चलते अडानी ग्रुप घेरे में चला रहा है जिसके लिए कंपनी के एग्जीक्यूटिव लोगों ने इसपर स्टेटमेंट जारी किए और निवेशकों का विशवास जीता।

डॉलर बॉन्ड का रिवाइवल और फंड जुटाने की योजना

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भारत की सबसे बड़ी सोलर कंपनियों में से एक, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर रहेंगे चर्चा में, जानें कारण
Source: Live Mint

अडानी ग्रुप के सीएफओ, जुगेशिंदर सिंह ने $600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड की पेशकश को पुनर्जीवित करने की संभावना का संकेत दिया है। इसे इस साल की शुरुआत में वापस ले लिया गया था। इस बॉन्ड के पुनरुद्धार पर निर्णय अप्रैल और जून 2025 के बीच होने की उम्मीद है जो समूह में चल रही जांच से स्पष्टता पर निर्भर करता है।

AGEL की योजना फरवरी 2025 तक 500 मिलियन डॉलर तक जुटाने की है। इसके लिए कंपनी ने बैंकों या ऑफशोर मार्केट में निजी प्लेसमेंट का लाभ उठाया जाएगा। कई चुनौतियों के बावजूद, सिंह ने जोर देकर कहा कि नियोजित अधिग्रहण और पूंजीगत व्यय बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ेंगे।

अडानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति

वर्त्तमान समय में ग्रुप के पास 6.3 बिलियन डॉलर है और अगले साल में अतिरिक्त 7 बिलियन डॉलर उत्पन्न करने की उम्मीद है। कंपनी 3 बिलियन डॉलर के ऋण चुकौती के बाद 10 बिलियन डॉलर का अधिशेष की उम्मीद है। कंपनी के CFO सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रुप की मजबूत वित्तीय स्थिति बैंकिंग भागीदारों और निवेशकों को आश्वस्त करती है। उन्होंने कहा कि कंपनी को उनके पैसे की आवश्यकता नहीं है जिसका कारण है कि वो कंपनी के लिए उपलब्ध है।

निवेशकों की भावना और बाजार में प्रदर्शन

अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में पिछले हफ्ते 20.64% की वृद्धि हुई थी जो नए सिरे से निवेशकों की रुचि को दर्शाता है। पिछले महीने की तुलना में शेयर में कंपनी के शेयर में 17.88% की गिरावट रही है कंपनी पर लगे नए आरोपों और बॉन्ड वापसी से उपजी चिंताओं के कारण जिससे निवेशकों के विश्वास पर भारी पड़ रही हैं।

निष्कर्ष

अडानी ग्रुप पर चल रहे विवादों के बावजूद कंपनी अपने रणनीतिक नीतियों के प्रति मज़बूत वित्तीय स्थिति को प्रदर्शित करना जारी रखती है। AGEL के नियोजित पैसे जुटाने के प्रयास और डॉलर बॉन्ड की पेशकश के पुनरुद्धार से निवेशकों का विश्वास बहाल करने में मदद मिल सकती है। लेकिन इन आरोपों और बॉन्ड निर्णयों से संबंधित आगे की योजनाएं बाजार में हलचल बनाए रख रखती हैं। निवेशकों से निवेदन है कि वे किसी भी प्रकार के जोखिम लेने से पहले पूरी शोध करें।

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