क्या भारतीय मार्किट में होंगे नए हाइड्रोजन सोलर पैनल लांच?
ग्रीन एनर्जी में कंटीन्यूअस प्रोग्रेस और एडवांसमेंट के कारण सोलर पैनल की टेक्नोलॉजी व इंजीनियरिंग में भी डेवेलपमेंट हो रहा है। इस टेक्नोलॉजी में नई इनोवेशन है हाइड्रोजन सोलर पैनल टेक। यह आधुनिक सोलर पैनल दिन और रात दोनों समय में बिजली बनाने में सक्षम होंगे या फिर करने में सक्षम है जिससे यह पैनल ज्यादा एफ्फिसिएंट तरीके से बिजली पैदा कर सकेंगे। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे इन्ही हाइड्रोजन सोलर पैनल के बारे में और जानेंगे इनकी कीमत और फीचर के बारे में और जानते हैं कब तक हो सकते हैं ये भारतीय मार्किट में लांच।
आखिर क्या हैं हाइड्रोजन सोलर पैनल
नए हाइड्रोजन सोलर पैनल आज के समय का सबसे आधुनिक टेक्नोलॉजी का सोलर पैनल है जो एक सोलर सिस्टम में बिना बैटरी में काम करने में सक्षम है। यह पैनल दिन के दौरान सोलर एनर्जी का उपयोग करता है और रात में हाइड्रोजन से बिजली पैदा करता है जिससे 24×7 पावर सप्लाई मिलती है।
भारत सरकार ने 2022 में इस टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करने के पालिसी बनाई थी जिससे देश 2030 तक देश को फॉसिल-फ्यूल एनर्जी पर निर्भरता को ख़तम कर सकेगा। इस ट्रांजीशन से भारत ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी में लीडर के रूप में उभर सकेगा और ग्लोबल लेवल पर इस एनर्जी के सबसे बड़े प्रोड्यूसर में से एक होगा।
किस प्रकार मिलेगा हाइड्रोजन सोलर पैनल से लाभ
नए हाइड्रोजन सोलर पैनल कन्वेंशनल सोलर पैनलों की तुलना में सिर्फ सनलाइट पर निर्भर नहीं होते हैं और एनर्जी स्टोर करने की कैपेसिटी रखते हैं जिससे आप रात में भी बिजली का उपयोग कर सकते हैं बिना किसी दिक्कत के। ये पैनल सोलर एनर्जी को बिजली में कन्वर्ट करते हैं साथ ही एटमॉस्फेयर से पानी भी कलेक्ट करते हैं। इस पानी का उपयोग फिर हाइड्रोजन का प्रोडक्शन करने के लिए किया जाता है जिससे रात के समय में बिजली की सप्लाई की जा सके।
महंगी बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता के बिना यह हाइड्रोजन सोलर पैनल सोलर सिस्टम की ओवरआल कॉस्ट को भी कम करते हैं। यूजर बैकअप बैटरी की आवश्यकता के बिना सीधे जनरेट की गई बिजली का उपयोग कर सकते हैं। इन पैनलों की स्टार्टिंग कॉस्ट ज्यादा हो सकती है लेकिन भारतीय मैन्युफैक्चरर द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ हाइड्रोजन सोलर पैनल की कीमत में कमी आएगी।
क्या हो सकती है इन नए सोलर पैनल की कीमत?
आज के समय में भारतीय सोलर कंपनियाँ हाइड्रोजन सोलर पैनल डेवेलप कर रही हैं जो 2026 तक देश में अवेलेबल होंगे। इन पैनलों की इनिशियल कॉस्ट ₹3,00,000 से ₹6,00,000/ किलोवाट के बीच हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे इस टेक्नोलॉजी में और एडवांसमेंट होता जाएगा वैसे ही इन पैनलों की कॉस्ट में भी कमी आएगी जिससे यह फ्यूचर में ₹1,00,000/ किलोवाट तक हो सकती है। यह पैनल लम्बी लाइफ और एफिशिएंसी के लिए जाने जाते हैं और शानदार परफॉरमेंस डिलीवर करते हैं जिससे यह बाकी पैनलों की तुलना में मेहेंगे भी होते हैं। अभी तक इस नए हाइड्रोजन सोलर पैनल की भारत में लांच को लेकर कोई भी ऑफिसियल जानकारी नहीं है लेकिन उम्मीद है की ये जल्द ही भारत में लांच होंगे।
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