क्या पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर पंप लगाए जा सकते हैं? जानें
भारत में बिजली की कमी और बढ़ती ऊर्जा लागत के कारण देश के किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए कई चुनौतियों का सामना करते हैं। सोलर एनर्जी इस समस्या का एक टिकाऊ और किफ़ायती समाधान हो सकती है। अब देश के किसान सबमर्सिबल पंपों के लिए सोलर पैनल लगाकर बिजली पर अपनी निर्भरता कम कर सकते हैं और सिंचाई लागत में काफी कटौती कर सकते हैं। लेकिन अक्सर किसानो को यह सवाल आता है कि पीएम सूर्यघर योजना के तहत वे सोलर पंप स्थापित कर सकते हैं या नहीं। इस लेख में हम इसी के बारे में और जानेंगे पूरी जानकारी।
सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए सरकारी योजना
पीएम-कुसुम योजना
नई पीएम कुसुम योजना (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। इसमें मुख्य प्रकार से घटक बी और घटक सी जैसे ज़रूरी घटक शामिल हैं।
घटक बी के तहत 7.5 एचपी तक के स्टैंडअलोन सोलर पंप के लिए 30% केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) और राज्य सरकार से 30% सब्सिडी प्रदान की जाती है। शेष 40% किसान द्वारा वहन किया जाता है जिसमें बैंक वित्तपोषण का विकल्प होता है। वहीँ घटक सी के तहत ग्रिड से जुड़े पंप सोलराइजेशन को भी 30% सीएफए और 30% राज्य सब्सिडी मिलती है जिसमें 40% किसान द्वारा वहन किया जाता है।
यह योजना किसानों को सोलर पंप और सिंचाई उपकरणों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। अनुदान राशि चुनी गई योजना और राज्य की सब्सिडी दर पर निर्भर करती है। किसान PM-KUSUM की आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.mnre.gov.in पर जाके इस योजना का लिए आवेदन कर सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं।
राज्य सरकार की योजनाएँ
कई राज्य सरकारें अपने स्वयं के सोलर पंप सब्सिडी कार्यक्रम भी चलाती हैं जिनमें सब्सिडी की राशि राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को सोलर पंप की लागत पर 50% तक की सब्सिडी प्रदान करती है। महाराष्ट्र सोलर पंप की लागत पर 40% तक की सब्सिडी प्रदान करती है। गुजरात सरकार सोलर पंप की लागत पर 30% तक की सब्सिडी प्रदान करती है।
राजस्थान सोलर पंप की क्षमता और किसान श्रेणी (एससी/एसटी/अल्पसंख्यक या सामान्य) के आधार पर सोलर एनर्जी से चलने वाले सबमर्सिबल पंपों के लिए 40% से 70% के बीच सब्सिडी प्रदान करती है। हरियाणा सरकार 3 एचपी से 10 एचपी तक के सोलर पंपों पर 75% (केंद्र सरकार से 30% और राज्य सरकार से 45%) तक की सब्सिडी प्रदान करती है।
मध्य प्रदेश सरकारी की मुख्यमंत्री सौर पंप योजना के तहत किसान लागत का 10% वहन करते हैं जबकि सरकार शेष 90% वहन करती है। हिमाचल प्रदेश सरकार की सौर सिंचाई योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों के लिए 90% और बड़े किसानों के लिए 80% सब्सिडी प्रदान करता है।इन योजनाओं के तहत किसान सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए समझौतों के साथ शेष लागतों के लिए बैंक ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं।
सब्सिडी योजनाओं के लिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
पात्र होने के लिए किसानों को इन शर्तों को पूरा करना होगा। किसान कृषि भूमि पर स्वामित्व या पट्टे के अधिकार वाले भारतीय नागरिक हों। इन किसानो को बिजली की कमी का सामना करना पड़ता है या बिजली कनेक्शन नहीं है। इन किसानो के पास बैंक खाता और आधार कार्ड होना चाहिए।
सबमर्सिबल पंपों के लिए सोलर पैनलों में रुचि रखने वाले किसानों को संबंधित विभागों के माध्यम से अपनी पात्रता और उपलब्ध सब्सिडी कार्यक्रमों की जांच करनी चाहिए। इसके बाद आवश्यक दस्तावेजों में भूमि स्वामित्व का प्रमाण, बिजली बिल, आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण शामिल है।