घनास झील में लगाया गया भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट
सूर्य से प्राप्त सोलर एनर्जी से बिजली बनाने के लिए सोलर पैनल लगाए जाते हैं। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली एनवीरोंमेन्टली-फ्रेंडली होती है और इससे प्रदूषण नहीं होता। सोलर पैनल के इस्तेमाल को बढ़ाकर देश में रिन्यूएबल एनर्जी की कैपेसिटी को बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में चंडीगढ़ की धनास झील पर नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाया गया है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे इसी सोलर प्रोजेक्ट के बारे में।
धनास झील पर नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट
यूनियन टेरिटरी चंडीगढ़ में कई झीलों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। सुखना झील के साथ-साथ इस एरिया की अन्य झीलों को भी पर्यटन के लिए डेवेलप किया जा रहा है। धनास झील पर 500 किलोवाट क्षमता वाला फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाया गया है, जिससे 500 किलोवाट बिजली बनेगी। ये सोलर पैनल प्लांट वन विभाग द्वारा लगाए गए हैं। इसके अलावा झील के ब्यूटीफिकेशन का काम भी चल रहा है जिसमें तीन फाउंटेन लगाए जा रहे हैं जो म्यूजिक और कलरफुल लाइट के साथ काम करेंगे।
प्रोजेक्ट हाइलाइट्स
धनास झील में अब नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पैनल लगा है और आगे चलकर इसके मेंटेनेंस पर ध्यान दिया जाएगा। फारेस्ट डिपार्टमेंट का दावा है कि शाम के समय यह टूरिस्ट डेस्टिनेशन अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन की तरह ही आकर्षक होगा। फ्लोटिंग सोलर पैनल के अलावा डिपार्टमेंट खाली पड़ी जमीनों और छतों पर सोलर प्लांट लगा रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा और पहला प्लांट है।
फारेस्ट डिपार्टमेंट के लिए बेनिफिट्स
इस तरह की इनिशिएटिव के जरिए फारेस्ट डिपार्टमेंट का गोल ग्रीन एनर्जी के प्रोडक्शन को बढ़ाना है। फ्लोटिंग सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल डिपार्टमेंट के ऑफिस में किया जाएगा जिससे उन्हें बिजली के खर्च से मुक्ति मिलेगी। सोलर पैनल इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि झील में ऑक्सीजन का लेवल बना रहे और मछलियों को कोई नुकसान न पहुंचे।
स्कूलों और सरकारी बिल्डिंग में एक्सपेंशन
चंडीगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों और डिपार्टमेंट की छतों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। शहर में 200 स्क्वायर यार्ड से बड़े घरों पर सोलर पैनल लगाना मैंडेटरी हो गया है। ऐसा करके रेजिडेंट पावर जनरेशन में आत्मनिर्भर बन सकते हैं जिसके कारण बिजली का बिल कम होगा। इसके अलावा सोलर पैनलों के उपयोग से राज्य और देश की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी में इंक्रीमेंट हो सकता है।
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