दामोदर वैली कारपोरेशन ने नए 234MW फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना के लिए जारी किया निविदा

दामोदर वैली कारपोरेशन ने झारखण्ड में 234 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना के लिए जारी की निविदा

दामोदर घाटी निगम (DVC) ने झारखंड के मैथन में स्थित मैथन बांध जलाशय पर 234 मेगावाट ग्रिड से जुड़े फ्लोटिंग सोलर पीवी (FSPV) संयंत्र के विकास के लिए निविदा की घोषणा करी है। इस निविदा के तहत 10 साल के लिए संचालन और रखरखाव (O&M) समझौता भी शामिल है। इस नए प्रोजेक्ट के माध्यम से देश अक्षय ऊर्जा के भविष्य की ओर बढ़ सकेगा साथ ही देश के लक्ष्यों को पूरा करने में एहम योगदान निभाएगा।

निविदा का विवरण जानें

top-3-biggest-floating-solar-power-plants-in-india

दामोदर वैली कारपोरेशन ने नए 234 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना के लिए जारी की निविदा, विवरण जानें
Source: Indiatimes

परियोजना के लिए पात्रता

इस परियोजना के लिए कॉन्ट्रैक्टर के पास फ्लोटिंग सोलर या ग्राउंड-माउंटेड सोलर परियोजनाओं को विकसित करने का पूर्व अनुभव होना ज़रूरी है। साथ ही 100 मेगावाट की सौर परियोजनाओं को चालू किया होना चाहिए जिसमें 10 मेगावाट या उससे ज्यादा क्षमता के कम से कम दो प्लांट हों। ये 10 मेगावाट के संदर्भ संयंत्र बोली जमा करने की अंतिम तिथि से कम से कम 6 महीने पहले से ही चालू होने चाहिए।

वित्तीय मानदंड

इसके लिए कॉन्ट्रैक्टर के पास शुद्ध कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होनी चाहिए जिससे पिछले वित्तीय वर्ष के लिए ₹170.16 करोड़ या उसके सामान ऋण सुविधाओं तक पहुंच होनी चाहिए। कॉन्ट्रैक्टर के पास पिछले तीन वित्तीय सालों में न्यूनतम औसत वार्षिक कारोबार ₹408.38 करोड़ होना चाहिए।

इस परियोजना के लिए परियोजना सिक्योरिटी लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) जारी होने के 21 दिनों के अंदर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इस परियोजना में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा अनुमोदित सौर पीवी मॉड्यूल और सेल का उपयोग किया जाना चाहिए। इस परियोजना के लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि 7 जनवरी, 2025 निर्धारित की गई है। परियोजना पूर्ण होने की अवधि LOA जारी होने से 18 महीने (547 दिन) होनी चाहिए।

कंपनी का नवीकरणीय ऊर्जा में विस्तार

DVC विशेष रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के अपने प्रयासों को तेज कर रही है। यह कंपनी फ्लोटिंग सोलर परियोजनाएं, पारंपरिक सोलर परियोजनाएं और अन्य हरित ऊर्जा पहलों में तेजी से निवेश कर रही है। कंपनी की वर्तमान क्षमता की बात करें तो DVC की कुल स्थापित क्षमता 3.23 गीगावॉट है और इसमें कोयला आधारित ताप विद्युत 3 गीगावॉट और जलविद्युत 186 मेगावाट है।

फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का महत्व जानें

मैथन जलाशय में 234 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना कंपनी के लिए हरित ऊर्जा को अपनाने और अपने बिजली उत्पादन पोर्टफोलियो में विविधता लाने की दिशा में एक ज़रूरी कदम है। इस फ्लोटिंग सोलर परियोजना से माध्यम से ज़मीन के उपयोग में कमी, पानी का जल्दी सूख जाने को कम करने और ठंडे तापमान के कारण सोलर पैनल की दक्षता बढ़ाने जैसे कई लाभ मिलते हैं। यह परियोजना अक्षय ऊर्जा के विकास की ओर और भारत लक्ष्यों को पूरा करने की ओर एहम योगदान दे रही है।

Leave a Comment