सोलर बिज़नेस शुरू करके कमा सकते हैं अच्छी रकम
सोलर एनर्जी एक अक्षय प्राकृतिक एनर्ज स्रोत है जिसका उपयोग सोलर पैनलों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है। ये पैनल पर्यावरण के अनुकूल तरीके से बिजली का उत्पादन करते हैं। सोलर एनर्जी के महत्व को समझते हुए सरकार नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
अगर आपके पास खाली छत है तो आप सौर पैनल लगाकर इसका उपयोग कर सकते हैं और अच्छी आय कमा सकते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे कैसे आप भी सोलर एनर्जी के उपयोग से अच्छा सोलर बिज़नेस शुरू कर सकते हैं जिसके कारण आप अच्छी रकम कमा सकते हैं।
₹60,000 के निवेश से व्यवसाय शुरू करें सोलर बिज़नेस
एक 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाने में लगभग ₹1 लाख का खर्च आता है। उच्च प्रारंभिक निवेश के कारण कई लोग सौर ऊर्जा को अपनाने से हिचकिचाते हैं। लेकिन केंद्र सरकार सोलर इंस्टॉलेशन पर 40% सब्सिडी देती है जिससे लागत लगभग ₹60,000 तक कम हो सकती है।
इसके अलावा राज्य सरकारें भी सोलर सिस्टम के इंस्टालेशन के लिए सब्सिडी प्रदान करती हैं जिससे इंस्टॉलेशन की लागत और कम हो जाती है। अगर आपके पास निवेश के लिए पूरी राशि नहीं है तो आप बैंकों से ऋण ले सकते हैं क्योंकि वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन के लिए ऋण देने का निर्देश दिया है।
भारत सरकार की नई पीएम सूर्योदय योजना, सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना, कुसुम योजना, और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन जैसी कई सब्सिडी योजनाएँ सोलर इंस्टॉलेशन को सपोर्ट करने के लिए उपलब्ध हैं। सब्सिडी और लोन पाने के लिए आप इनके लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप अपने राज्य के अक्षय ऊर्जा विभाग से संपर्क कर सकते हैं या सरकार के आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल पर जा सकते हैं।
सोलर पैनल लगाकर आप 25 साल तक बिजली पैदा कर सकते हैं। एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम के साथ पैनल द्वारा उत्पन्न बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ साझा किया जाता है, और आप इस बिजली को अपने बिजली वितरक (डिस्कॉम) को बेच सकते हैं। इससे आप सोलर पैनल द्वारा उत्पन्न ऊर्जा से अच्छी खासी आय अर्जित कर सकते हैं।
किफायती कीमत पर खरीदें सोलर पैनल
सरकार की सोलर से जुड़ी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपने राज्य के अक्षय ऊर्जा विकास विभाग से संपर्क करें। इसका कार्यालय हर जिले में स्थित हैं और आप विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकृत विक्रेताओं का विवरण भी पा सकते हैं। गुणवत्ता और सब्सिडी के लिए पात्रता के लिए हमेशा सरकारी पंजीकृत विक्रेताओं से ही सोलर पैनल खरीदें।
अगर आप ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित करते हैं तो बैटरी को बदलने में ही एकमात्र बड़ी रखरखाव लागत आती है। आप सिस्टम के नियमित रखरखाव को खुद ही संभाल सकते हैं। बड़े सोलर सिस्टम के लिए, जो अधिक बिजली पैदा करते हैं, अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए ऑन-ग्रिड सिस्टम स्थापित करना उचित है।