Green Energy सेक्टर की इस कंपनी के शेयर ने दिया बढ़िया रिटर्न, जानिए क्या आपको भी मिल सकता है मुनाफा

जेनसोल इंजीनियरिंग और मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स पुणे में डेवेलप करेंगी भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन वैली

जेनसोल इंजीनियरिंग कोलैबोरेशन करेगा मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स के साथ पुणे में भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन वैली सेटअप करने के लिए। इस अनाउंसमेंट के बाद कंपनी के शेयर में आया भारी सर्ज जिससे इसके शेयर 2% की ग्रोथ के साथ यह ₹926.85 पर ट्रेड कर रहे थे।

मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स भारत की लीडिंग कंपनियों में से एक है जो ग्रीन हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप करने में एक्सपेर्टीज़ रखती है। यह कंपनी देश की लीडिंग नेचुरल गैस और ग्रीन हाइड्रोजन अग्ग्रीगेटर में से एक है। जेनसोल इंजीनियरिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर अनमोल जग्गी के अनुसार इस प्रोजेक्ट को सरकारी इनिशिएटिव के अंडर सपोर्ट किया जाएगा जिससे कंपनी पुणे में स्पेशल केमिकल सेक्टर को ग्रीन हाइड्रोजन की सप्लाई करने में सक्षम होगी।

प्रोजेक्ट डिटेल्स

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ग्रीन एनर्जी सेक्टर की इस कंपनी के शेयर में आया सर्ज नए नए ग्रीन हाइड्रोजन वैली के प्रोजेक्ट की अनाउंसमेंट के बाद, क्या होगा मुनाफा ?
Source: IEEFA

जग्गी ने यह भी कहा की यह कंपनी भारत में ग्रीन हाइड्रोजन इकॉनमी डेवेलप करने के लिए पुणे में स्पेशल केमिकल सेक्टर को 24/7 (RTC) बेसिस पर ग्रीन हाइड्रोजन की सप्लाई करेगी। मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स के डायरेक्टर चिराग कोटेचा ने भी बताया कि कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन वैली को कुरुकुंब सेक्टर में नेशनल केमिकल लेबोरेटरीज (NCL) द्वारा फैसिलिटेट किया जा रहा है।

कंपनी को इलेक्ट्रोलिसिस रूट के माध्यम से बिल्ड-ओन-ऑपरेट (BOO) बेसिस पर ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन प्लांट सेटअप करने के लिए चुना गया था। जेनसोल और मैट्रिक्स गैस दोनों ही आम प्रमोटरों द्वारा प्रमोट होंगी और ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में कोलबोरेट करेंगे जिसमें ग्रीन स्टील और ग्रीन अमोनिया जैसे डेरिवेटिव शामिल हैं।

कंपनी के फाइनेंसियल और फ्यूचर प्रोस्टपैक्ट

Q1 FY25 में जेनसोल इंजीनियरिंग ने नेट प्रॉफिट लाभ में 50% YoY की शानदार ग्रोथ रिपोर्ट करी है जो ₹15 करोड़ तक पहुँच गई है। कंपनी का टोटल कंसोलिडेटेड रेवेन्यू भी बढ़कर ₹297 करोड़ हो गया है जो 105% YoY ग्रोथ को दर्शाता है, जबकि EBITDA ₹89 करोड़ हो गया है जो 143% की YoY का शानदार ग्रोथ को दर्शाता है।

हाल ही में जेनसोल और मैट्रिक्स गैस भारत के पहले बायोमास-टू-ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट के लिए इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कॉन्ट्रैक्ट के लिए सबसे कम बिडिंग लगाने के लिए उभर कर आए हैं। कंपनी ने अमेरिका की वेस्टिंगहाउस के साथ भी पार्टनरशिप करी है जो अपनी पेटेंट टेक्नोलॉजी और कई ग्लोबल प्लांट के सफल कमीशन के लिए जाना जाता है। इस प्रोजेक्ट को ₹164 करोड़ की कीमत पर डेवेलप किया जाएगा और इसे 18 महीनों के अंदर पूरा किया जाना है।

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