भारत सरकार के ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए जानें आपका सोलर पैनल भारत में बना है या चीन में
बढ़ती बिजली की कीमतों और डिमांड के कारण भारत में सोलर पैनल का उपयोग तेज़ी से बढ़ रहा है और कई भारतीय सोलर ब्रांड एडवांस टेक्नोलॉजी वाले सोलर इक्विपमेंट ऑफर कर रहे हैं। सोलर पैनल बिजली पैदा करने के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग करते हैं और घरों में इनकी इंस्टालेशन काफी आम हो गई है।
सरकार नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए इन्सेन्टिवाइस कर रही है और सोलर सिस्टम को और भी ज्यादा किफ़ायती बनाने के लिए सब्सिडी प्रोवाइड रही है। आज कई सोलर पैनल भारत में बनाये जाते हैं लेकिन कई कंपनियां आज भी चीन से सोलर पैनल इम्पोर्ट करके भारत में बेचती हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कैसे आप भी पता कर सकते हैं कि अगर आपका सोलर पैनल भारत में बना है चीन में।
‘मेड इन इंडिया’ सोलर पैनल और चीनी में बने पैनल कैसे जानें
हाल ही में डोमेस्टिक कंटेंट रेगुलेशन (DCR) के तहत इम्पोर्टेड चीनी सोलर पैनल का टेस्टिंग की गई और असेसमेंट में वे फ़ैल हो गए। इसके कारण केंद्र सरकार ने भारत में बने सोलर पैनल के लिए एक ऑनलाइन रिपॉजिटरी शुरू करने की अनाउंसमेंट की। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार MNRE सेक्टरटरी भूपिंदर सिंह भल्ला ने मेंशन किया कि मनुफक्चर्ड मॉड्यूल में एक प्लेटफ़ॉर्म पर रेजिस्टर्ड एक स्पेसिफिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UID) होना चाहिए। पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना के लाभार्थी इस UID का उपयोग करके अपने सोलर पैनल को वेरिफाई कर सकते हैं।
UID की मदद से कंस्यूमर आसानी से पता लगा सकते हैं कि उनकी छत पर लगा सोलर पैनल भारत में बना है या नहीं। अगर लगाया गया पैनल रेजिस्टर्ड नहीं है तो कंस्यूमर भारत में मनुफैक्टर्ड असली सोलर पैनल का ऑप्शन चुन सकते हैं। इस पहल से न केवल देश की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी बढ़ेगी बल्कि बिजली के भारी बिलों से भी राहत मिलेगी और क्लीन और सेफ एनवायरनमेंट बनाने में कंट्रीब्यूशन मिलेगा।
सरकार ने लॉन्च किया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
MNRE सेक्रेटरी ने रेजिडेंशियल लेवल के सोलर पैनल के मैन्युफैक्चरिंग का पता लगाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के डेवेलपमेंट की अनाउंसमेंट की है जिसमें भारत में बने UID-टैग वाले सोलर पैनल होंगे। ये पैनल सरकारी योजनाओं के तहत लगाए जाएंगे। UID से यह पता लगेगा की इन योजनाओं के माध्यम से लगाए गए सोलर पैनल असल में भारत में निर्मित हैं या नहीं।
इंडस्ट्री-असिस्टेड प्लेटफॉर्म को तैयार होने में छह महीने लगने की उम्मीद है और इसे अगले दो महीनों में लॉन्च किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल CPSU फेज 2, पीएम कुसुम योजना और अन्य केंद्रीय सब्सिडी योजनाओं में किया जाएगा। पीएम सूर्य उदय योजना के तहत भी छतों पर ये सोलर पैनल लगाए जाएंगे। भारत में मनुफक्चर्ड सोलर पैनलों का उपयोग करने से उनकी रेलिएबिलिटीय और पॉपुलरिटी बढ़ेगी जिससे इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा।
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