जानिए कैसे आप अपने इन्वर्टर बैटरी की सर्विस घर पर कर सकते हैं? कैसे भरते हैं इसमें पानी

अपने इन्वर्टर बैटरी का वाटर लेवल कैसे चेक करें और कैसे उसमे वाटर फील करें ? जानें

आज इन्वर्टर बैटरी का उपयोग इलेक्ट्रिक ग्रिड पर निर्भरता को कम करने और बिजली की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इन्वर्टर बैटरी को अपनी पूरी कैपेसिटी पर काम करने के लिए मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है। मेंटेनेंस करने से ये जानकारी मिलती है कि बैटरी में सही वाटर लेवल हो। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे आप भी अपने इन्वेस्टर वाटरय का वाटर लेवल चेक कर सकते हैं और उसे सही तरीके से फिल कर सकते हैं।

इन्वर्टर बैटरी को पानी की आवश्यकता क्यों होती है?

इनवर्टर डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिंग करंट में कन्वर्ट करते हैं और बैटरी में डायरेक्ट करंट स्टोर करते हैं जहाँ केमिकल रिएक्शन होती हैं। समय के साथ इन रिएक्शन में उपयोग किए जाने वाले एसिड कंसंट्रेशन कम हो जाता है जिससे बैटरी के अंदर पानी के लेवल में गिरावट आती है।

यह इम्बैलेंस इन्वर्टर के आउटपुट को कम कर सकता है। इन रिएक्शन की एफिशिएंसी बनाए रखने के लिए एसिड को बैलेंस करने के लिए पानी मिक्स करना पड़ता है। इनवर्टर काम करने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) का उपयोग करते हैं। पानी इस एसिड को पतला करने में मदद करता है जिससे बैटरी की केमिकल प्रोसेस सही तरीके से और एफ्फिसेंटली चलता हैं।

इन्वर्टर बैटरियों में किस टाइप का पानी इस्तेमाल किया जाना चाहिए?

अपने इन्वर्टर बैटरी का वाटर लेवल कैसे चेक करें और कैसे उसमे वाटर फील करें? इस आसान गाइड से समझें
Source: Cellcronic

इन्वर्टर बैटरियों में केवल डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसमें H2O का सबसे प्योर फॉर्म में होता है जो आयनों और मिनरल से फ्री होता है जो बैटरी की इंटरनल केमिकल क्रैक्शन में इंटरवीन कर सकते हैं। नार्मल टैप वाटर में आयन और मिनरल होते हैं जिससे बैटरी के परफॉरमेंस और लाइफस्पैन को जल्दी से खराब कर सकता है।

इन्वर्टर बैटरी में कब और कितना पानी डाला जाना चाहिए?

इन्वर्टर बैटरियाँ पानी के लेवल को दिखाने के लिए इंडिकेटर के साथ आती हैं। ग्रीन इंडिकेटर का मतलब होता है पानी का लेवल सही है और रेड इंडिकेटर का मतलब है पानी का लेवल कम है और इसे फिर से भरने की आवश्यकता है। पानी का स्तर हमेशा रेड मार्क से ऊपर और ग्रीन मार्क से नीचे होना चाहिए।

अगर पानी का लेवल रेड मार्क से नीचे चला जाता है तो बैटरी को सही ढंग से काम करने के लिए इसे तुरंत फिर से भरना चाहिए। हरे निशान से ऊपर पानी भरने से एसिड बहुत ज्यादा पतला हो सकता है जिससे बैटरी की परफॉरमेंस एफेक्ट हो सकती है।

इन्वर्टर बैटरी में पानी ऐसे भरें

बैटरी इंडिकेटर का उपयोग करके जाँच करें कि पानी का लेवल रेड मार्क से नीचे है या नहीं। किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए इन्वर्टर और पावर सॉकेट को बंद कर दें। फिर बैटरी पर लगे वेंट प्लग को हटा दें। इसके बाद बैटरी के हर एक सेल में धीरे-धीरे डिस्टिल्ड वाटर डालने के लिए फ़नल का उपयोग करें। वाटर लेवल इंडिकेटर पर नज़र रखें और ग्रीन मार्क पर पहुँचने पर पानी भरना बंद कर दें। फिर से भरने के बाद वेंट प्लग को सेफ्ली बदलें और बैटरी से गिरे पानी को कपड़े से साफ़ कर दें।

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