अपने घर सोलर लगवाने से पहले जरूर ध्यान रखें इन बातों का वरना पड़ सकता है महंगा

अपने घर पर सोलर पैनल इंस्टॉल करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

सोलर पैनल सनलाइट का उपयोग करते है बिजली जनरेट करने के लिए जिससे आप बिना पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए बिजली जनरेट करते हैं। सोलर पैनल एनवायर्नमेंटल-फ्रेंडली तरीके से बिजली जनरेट करते हैं और इसका उपयोग करके आप ग्रिड पावर पर निर्भर हुए बिना अपनी बिजली की नीड्स को पूरा कर सकते हैं। इससे आपके घर का बिजली का बिल भी कम होता है और आप लम्बे समय तक पैसे बचा सकते हैं।

एक सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर और सोलर बैटरी का उपयोग किया जाता है। सोलर इन्वर्टर डायरेक्ट करंट को अल्टेरनेटिंग करंट में कन्वर्ट करता है जिससे आपके घर के ज्यादातर डिवाइस काम करते हैं। सोलर बैटरी पैनलों द्वारा जनरेट की गई बिजली को स्टोर करती हैं जिससे आप पावर बैकअप के लिए उपयोग कर सकते हैं।

सोलर पैनल इंस्टॉल करने की टोटल कॉस्ट

सोलर पैनल की पावर और कॉस्ट को एफेक्ट करने वाले फैक्टर

पैनल की कैपेसिटी:

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अपने घर पर सोलर पैनल इंस्टॉल करने से पहले इन फैक्टर का ध्यान रखें, डिटेल्स जानें
Source: Which.co.uk

आपके सोलर सिस्टम के लिए आपके द्वारा चुने गए सोलर पैनलों की कैपेसिटी कॉस्ट को एफेक्ट करते है। सोलर पैनल की कीमतें उनकी वाट कैपेसिटी पर बेस्ड होती हैं। आपके द्वारा खरीदे गए सोलर पैनलों की कैपेसिटी जितनी ज्यादा होगी प्रति वाट कॉस्ट उतनी ही कम होगी।

सोलर पैनलों के टाइप:

पैनलों की कॉस्ट उनके टाइप पर भी निर्भर करती है। सोलर पैनल कई टाइप के होते हैं जिनमें पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और बाइफेशियल पैनल शामिल हैं। पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल अपनी कम कीमत के कारण सबसे ज्यादा उपयोग किए जाते हैं। मोनोक्रिस्टलाइन पैनल ज्यादा महंगे होते हैं लेकिन हाई एफिसिएंसी ऑफर करते हैं। बाइफेशियल पैनल दोनों तरफ से बिजली जनरेट कर सकते हैं सबसे एडवांस टाइप के पैनल होते हैं इसलिए ये सबसे महंगे भी होते हैं।

इंस्टालेशन और पावर कंसम्पशन:

सोलर पैनल को एक्सपर्ट तकनीशियनों द्वारा ऐसे जगह पर इंस्टॉल करें जहाँ पूरे दिन धूप मिलती है। इंस्टालेशन छत या ऐसे जगह पर की जानी चाहिए जहाँ सबसे ज्यादा एफिसिएंसी के लिए सुफिसिएंट धूप मिलती है।

सोलर पैनल इंस्टॉल करने से पहले उस जगह के बिजली के लोड की जानकारी होनी चाहिए जहाँ आप सिस्टम इंस्टॉल करना चाहते हैं। सिस्टम को ज़्यादा खर्च या कम उपयोग से बचाने के लिए सोलर पैनल की कैपेसिटी बिजली की कंसम्पशन से मैच करनी चाहिए।

इन्वर्टर और बैटरी बैकअप:

सोलर सिस्टम में इनवर्टर DC पावर को AC पावर में कन्वर्ट करते हैं जो घर के ज्यादातर इलेक्ट्रिकल एप्लायंस के लिए ज़रूरी है। सोलर इनवर्टर PWM और MPPT टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं और अलग-अलग ब्रांड में अवेलेबल हैं। पावर बैकअप के लिए आप C10 और C20 रेटेड सोलर बैटरी का उपयोग कर सकते हैं जो सोलर पैनल द्वारा जनरेट की गई बिजली को स्टोर करती हैं और पावर बैकअप ऑफर करती हैं।

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