भारत 2030 तक 500GW रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी और 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का प्रोडक्शन करेगा
इन कुछ सालों में भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी पर काफी जोर दिया है जिसमें सरकारी सपोर्ट काफी एहम रोल निभा रहा है। पिछले 10 सालों दशक में देश की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। 2014 में भारत की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी 76 गीगावाट थी जो 2024 तक बढ़कर 195 गीगावाट हो गई है।
इस ग्रोथ ने रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन में भारत की ग्लोबल रैंकिंग को बढ़ावा दिया है जिससे देश दुनिया भर में 4th पोजीशन पर आ गया है। फ़ूड और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन और नई रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ने ग्लोबल ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने में भारत की कैपेसिटी पर प्रकाश डाला जैसा कि 2024 के रिन्यूएबल एनर्जी स्टेटिस्टिक्स में दर्शाया गया है।
रिन्यूएबल एनर्जी के टारगेट
मीडिया को एड्रेस करते हुए प्रहलाद जोशी ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ़ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) ग्रीन एनर्जी टारगेट को प्राप्त करने की डायरेक्शन में लगातार काम कर रहा है जिसका टारगेट अगले पांच साल में इन गोल को पूरा करना है।जोशी ने बताया कि सोलर एनर्जी कैपेसिटी 2014 में मात्र 3 गीगावाट से बढ़कर आज 85 गीगावाट से ज्यादा हो गई है। इसी तरह विंड एनर्जी कैपेसिटी 10 साल पहले 21 गीगावाट से बढ़कर 46 गीगावाट से ज्यादा हो गई है।
जोशी ने यह भी मेंशन किया कि ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजीशन के लिए स्ट्रेटेजिक इंटरवेंशन (SIGHT) मीटिंग के दौरान हर साल 4.12 लाख टन रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोडक्शन के लिए दस कंपनियों को टेंडर प्रोवाइड किए गए हैं। ये कंपनियां भारत के रिन्यूएबल एनर्जी टारगेट को अक्सेलरेट करने में ज़रूरी हैं। SIGHT मीटिंग के दौरान लिए गए निर्णयों से आने वाले साल में रिन्यूएबल एनर्जी को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का गोल
भारत का टारगेट 2030 तक 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी सेटअप करना है जिसका गोल 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का प्रोडक्शन करना है। आज देश की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी 195 गीगावाट है जो इस सेक्टर में प्रोग्रेस की आवश्यकता को दर्शाता है।
SJVN लिमिटेड, BF यूटिलिटीज लिमिटेड, KP एनर्जी लिमिटेड, KPI ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, KKV एग्रो पॉवर्स लिमिटेड, एनर्जी विकास निगम लिमिटेड, ओरिएंट ग्रीन पावर कंपनी लिमिटेड, WAA सोलर लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियाँ भारत को अपने रिन्यूएबल एनर्जी को प्राप्त करने में मदद करने में इम्पॉर्टन्ट रोल निभा रही हैं।
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