सुजलॉन एनर्जी को मिला जिंदल रिन्यूएबल्स से 302.4 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना का बड़ा ऑर्डर
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सुजलॉन ग्रुप को जिंदल रिन्यूएबल्स से नई 302.4 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना की घोषणा की है। सुजलॉन ने पहले भी इसी कंपनी से 400 मेगावाट पवन ऊर्जा का सौदा हासिल किया था जिसके बाद अब दुबारा कंपनी को जिंदल रिन्यूएबल द्वारा नई परियोजना प्रदान की गई है।
यह नई परियोजना पिछली परियोजना के साथ कर्नाटक के कोप्पल क्षेत्र में स्थापित की जाएगी और छत्तीसगढ़ और ओडिशा में जिंदल के स्टील प्लांट की कैप्टिव ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगी। इस पहल के माध्यम से जिंदल अपनी अक्षय ऊर्जा स्रोतों को एकीकृत करके अपने परिचालन को कार्बन मुक्त करने में काफी तेज़ी ला सकेगी।
मुख्य हाइलाइट्स
- इस परियोजना के तहत 302.4 मेगावाट के पवन ऊर्जा की टरबाइन स्थापित की जाएगी।
- इसके लिए 96 सुजलॉन की S144 पवन टर्बाइन जनरेटर का उपयोग किया जाएगा जिसमे प्रत्येक की रेटिंग 3.15 मेगावाट है।
- सुजलॉन की कुल ऑर्डर बुक अब 5.4 गीगावाट के उच्चतम स्तर पर है जिसमें से 56% C&I ग्राहकों से आ रहे हैं।
परियोजना का विवरण जानें
इस परियोजना के तहत 302.4 मेगावाट के पवन ऊर्जा की टरबाइन स्थापित की जाएगी। जिसके लिए 96 सुजलॉन S144 पवन टर्बाइन जनरेटर का उपयोग किया जाएगा जिसमे प्रत्येक टर्बाइन की रेटिंग 3.15 मेगावाट है। यह उन्नत टरबाइन हाइब्रिड लैटिस टावरों के साथ आती हैं जिससे उत्सर्जन को कम करने और स्टील के निर्माण के कार्यों में नवीकरणीय ऊर्जा को शामिल करना और भी आसान हो जाता है। इसके तहत जिंदल रिन्यूएबल्स की सहायक कंपनी JSP ग्रीन विंड 1 के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
सुजलॉन के लिए इस परियोजना का महत्व
इस नवीनतम ऑर्डर से जिंदल रिन्यूएबल्स से सुजलॉन के वाणिज्यिक और औद्योगिक (C&I) क्षमता ऑर्डर बढ़कर 702.4 मेगावाट हो गई है जिससे यह भारत में सबसे बड़ा एकल ग्राहक ऑर्डर बन गया है। सुजलॉन की कुल ऑर्डर बुक अब 5.4 गीगावाट के उच्चतम स्तर पर है जिसमें से 56% C&I ग्राहकों से आ रहे हैं। इस घोषणा के बाद बुधवार को सुजलॉन के शेयर में ट्रेडिंग में 3.85% की वृद्धि देखी गई थी।
जिंदल रिन्यूएबल्स के हरित ऊर्जा लक्ष्य
जिंदल रिन्यूएबल्स अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है।
कंपनी के पास वर्तमान में लगभग 3 गीगावाट की विकासाधीन परियोजनाएँ हैं। इसी के साथ कंपनी 2030 तक 12 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखती है जिसमें ऊर्जा भंडारण प्रणालियाँ और ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन सुविधाएँ शामिल हैं।
निष्कर्ष
सुजलॉन और जिंदल रिन्यूएबल्स के बीच इस सहयोग के कारण जिंदल स्टील क्षेत्र में एक टिकाऊ औद्योगिक प्रथाओं को साकार कर सकेगी जिसकी दिशा में यह एक एहम कदम है। यह मुश्किल उद्योगों में अक्षय ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है और दोनों कंपनियों के लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद करता है जिससे आगे दोनों कंपनियों को काफी लाभ पहुंचेगा।
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