नई सोलर रूफटॉप योजना के लिए ऐसे जाचें पात्रता (एलिजिबिलिटी), क्या आपको भी मिल सकता है सरकारी योजना का लाभ?

नई सोलर रूफटॉप योजना के लिए ऐसे जाचें पात्रता

भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा शुरू की गई सोलर रूफटॉप योजना के माध्यम से देश को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। यह योजना सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देती है साथ ही गैर-नवीकरणीय संसाधनों और पारंपरिक बिजली की खपत पर निर्भरता को कम करती है। इस पहल के तहत, सरकार नागरिकों को सोलर रूफटॉप पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। इससे अक्षय ऊर्जा के उपयोग में भागीदारी को और भी ज्यादा बढ़ावा मिलता है।

सोलर रूफटॉप योजना की मुख्य विशेषताएं

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नई सोलर रूफटॉप योजना के लिए ऐसे जाचें पात्रता, पूरा विवरण देखें
Source: The Conservation

इस योजना के माध्यम से पूरे भारत में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, साथ ही घरों और व्यवसायों के लिए बिजली के बिल कम करना और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाना और कार्बन फुटप्रिंट कम किया जाएगा। इस योजना के तहत 1 किलोवाट की स्थापना के लिए न्यूनतम 10 वर्ग मीटर की आवश्यकता होगी। इसके लिए घर की छतों पर प्रतिदिन 8-9 घंटे सूर्य की रोशनी आनी चाहिए। यह योजना आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए आदर्श है।

सब्सिडी विवरण

इस योजना के माध्यम से आवासीय प्रतिष्ठानों के लिए, 1 से 3 किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए 40% की सब्सिडी मिलती है। और 4 से 10 किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए 20% तक की सब्सिडी प्रसाथ दान की जाती है। इससे आप बिजली बिलों पर सालाना ₹72,000 तक की बचत की जा सकती है साथ ही 20 साल तक मुफ्त बिजली पैदा की जा सकती है। अतिरिक्त आय के लिए अधिशेष बिजली को ग्रिड को वापस बेचा जा सकता है जिससे लाभ और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसके माध्यम से आप स्थापना की लागत को 5-6 साल के अंदर वसूल कर सकते हैं।

सोलर रूफटॉप योजना के लिए ऐसे करें आवेदन

सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ pmsuryaghar.gov.in। फिर होमपेज पर ‘अप्लाई फॉर रूफटॉप सोलर’ विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद अपने राज्य का आधिकारिक लिंक चुनें। सटीक विवरण के साथ आवश्यक आवेदन पत्र भरें। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें और फ़ॉर्म जमा करें।

सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन के लाभ

सौर ऊर्जा प्रदूषण मुक्त होती है जिससे यह एक हरित ग्रह में योगदान देती है। यह पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता कम करती है। इससे बिजली के बिलों में भारी कटौती करती है और अतिरिक्त आय भी उत्पन्न करती है। इसके माध्यम से आप अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों के प्रति भारत के लक्ष्यों का समर्थन करता है।

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