Solar इन्वर्टर को बैटरी के बिना ऐसे चलाएं
सोलर एनर्जी सिस्टम कंस्यूमर को कई लाभ ऑफर करता है जिसमें पर्यावरण को बिना नुक्सान पहुंचाए और प्रदूषण किए बिजली की ज़रूरतों को पूरा करना शामिल है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे क्या सोलर इन्वर्टर बिना बैटरी के काम कर सकता है या नहीं। इसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।
एक सोलर इन्वर्टर बैटरी के बिना काम कर सकता है। इसके लिए आपको एक ग्रिड-टाई सोलर सिस्टम लगाने की ज़रुरत होगी और एक ट्रांसफार्मर-लेस इन्वर्टर खरीदना होगा जिसकी मदद से आप बिना बैटरी के एक सोलर इन्वर्टर को बिना बैटरी के चला सकेंगे।
ग्रिड-टाईड सोलर सिस्टम
ग्रिड-टाईड सोलर सिस्टम जिसे ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम के रूप में भी जाना जाता है, ये सीधे पावर ग्रिड से जुड़ा होता है। इस सिस्टम को बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है। इस सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा जनरेट की गयी बिजली को पावर ग्रिड में भेजा जाता है। यह सिस्टम ग्रिड में भेजी गई बिजली और ग्रिड से कंस्यूम की गई बिजली को मापने के लिए नेट मीटर का उपयोग करता है।
अगर सोलर पैनल एक्सेस में बिजली का प्रोडक्शन करते हैं तो इसे ग्रिड में भेज दिया जाता है जिससे आपका बिजली बिल शून्य हो जाता है। जनरेट की गयी बिजली का उपयोग रियल-टाइम में किया जाता है। अगर ग्रिड पावर विफल हो जाती है तो सोलर से जनरेट की गयी बिजली का उपयोग नहीं किया जा सकता है क्योंकि बैटरी बैकअप नहीं होता है।
ट्रांसफॉर्मर-लेस इन्वर्टर
ट्रांसफॉर्मर लेस इन्वर्टर मॉडर्न समय का एक हाई-एफिशिएंसी वाला इन्वर्टर है जो रेजिडेंशियल उपयोग के लिए सबसे बेस्ट हैं। वे ट्रेडिशनल भारी ट्रांसफॉर्मर के बिना काम करते हैं जिससे वे हल्के और ज्यादा एफ्फिसिएंट हो जाते हैं। सोलर पैनल पूरे दिन बिजली की एक समान मात्रा का प्रोडूस नहीं करते हैं।
ट्रांसफॉर्मर-लेस इन्वर्टर इन फ्लक्चुएशन को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं लेकिन वेरिएबल पावर आउटपुट के कारण उपकरणों को नुकसान पहुँचने का रिस्क होता है। अलग-अलग पावर आउटपुट को मैनेज करने के लिए घरेलू उपकरणों द्वारा उपयोग किए जाने से पहले बिजली को स्टेबल करने के लिए सोलर कंट्रोलर का उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष
जैसा की अब आप जान गए होंगे की एक इन्वर्टर बैटरी के बिना काम कर सकते हैं लेकिन ऐसे सिस्टम की अपनी लिमिटेशन और रिस्क होते हैं। इन ग्रिड-टाईड सिस्टम में अगर ग्रिड पावर उपलब्ध नहीं है तो सोलर सिस्टम बिजली की सप्लाई नहीं कर सकता है। ट्रांसफॉर्मर-लेस इन्वर्टर एफ्फिसिएंट होते हैं लेकिन वोल्टेज में फ्लक्चुएशन के कारण घरेलू एप्लायंस को नुकसान पहुंचाने का रिस्क पैदा करते हैं।
सोलर सिस्टम में बैटरी का उपयोग करने से पावर बैकअप मिलता है और सोलर पैनलों द्वारा जनरेट की गयी एडिशनल पावर के स्टोरेज की अनुमति मिलती है जिससे सिस्टम की रिलायबिलिटी और एफिशिएंसी बढ़ जाती है। एक मजबूत और रिलाएबल सोलर पावर सिस्टम के लिए बैटरी को शामिल करने की सलाह दी जाती है। बैटरी एक स्टेबल पावर सप्लाई ऑफर करती है, एप्लायंस की सुरक्षा करती है, और एक्स्ट्रा सोलर एनर्जी के स्टोरेज की अनुमति देती है। यह न केवल सोलर एनर्जी के लाभों को मक्सिमाइज़ करता है बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को कम भी कम करता है।
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