सोलर पैनल लगाने का सबसे सही एंगल और डायरेक्शन
रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और सरकार द्वारा प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक ग्रिड से बिजली बिल की कॉस्ट बढ़ती जा रही है। ऐसे में सोलर एनर्जी से बिजली प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल का उपयोग किया जा सकता है। इससे फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो सकती है जो पर्यावरण को डैमेज करता है। इसे के बीच सोलर पैनलों का उपयोग भी बढ़ रहा है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे सोलर पैनल लगाने के लिए सबसे बढ़िया एंगल और डायरेक्शन।
जानिए किस डायरेक्शन और एंगल पर लगाएं अपना सोलर पैनल
सोलर पैनलों को उस डायरेक्शन और एंगल में सेटअप किया जाना चाहिए जिससे उन्हें सनलाइट एफ्फिसेंटली मिले। सोलर पैनलों का काम सूर्य से प्राप्त सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करना है। सोलर पैनलों से हाई परफॉरमेंस प्राप्त करने के लिए उन्हें सही डायरेक्शन और एंगल में इंस्टॉल करना आवश्यक है।
गर्मियों के दौरान, दिन लंबे होने के कारण सूर्य ज्यादा समय तक सनलाइट प्रोवाइड करता है। इसके विपरीत, सर्दियों के दौरान सोलर एनर्जी कम अवेलेबल होती है। सोलर पैनलों की कैपेसिटी के अनुसार बेस्ट परफॉरमेंस प्राप्त करने के लिए इन्हें सही डायरेक्शन और एंगल में इंस्टॉल किया जाना चाहिए।
सोलर पैनल की डायरेक्शन और एंगल
भारत में सोलर पैनल सेटअप करने की सही डायरेक्शन और एंगल ज्योग्राफिकल लोकेशन पर निर्भर करता है। इसे लगभग 8°4′ से 37°6′ नार्थ लटीटुड और 68°7′ से 97°25′ ईस्ट लातीतुड तक होता है।
आमतौर पर, भारत में सोलर पैनल साउथ की ओर लगाए जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सर्दियों के दौरान सूर्य की किरणें इस डायरेक्शन में ज्यादा सीधी होती हैं।गर्मी के दिनों में सूर्य ईस्ट में उगता है और वेस्ट में अस्त होता है। इन दिशाओं में भी सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं लेकिन इन्हें साउथ डायरेक्शन की तुलना में कम सोलर एनर्जी प्राप्त हो सकती है।
सोलर पैनलों के लिए एंगल का सिलेक्शन आपके लोकेशन के लातीतूफ पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे आप हायर लातीतुड की ओर बढ़ते हैं सोलर पैनल सेटअप करने का एंगल भी बढ़ता जाता है। आमतौर पर भारत में सोलर पैनल लगाने का एंगल 20° से 30° के बीच होता है। सोलर पैनल बार-बार नहीं लगाए जाते और इंस्टालेशन से पहले, आप उस डायरेक्शन और एंगल की जांच कर सकते हैं जहां उन्हें सनलाइट प्राप्त हो सके।
भारत में सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए सही एंगल
भारतीय राज्यों में अलग-अलग लटीटुड के आधार पर सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं। ज्यादातर राज्यों में, सोलर पैनल आमतौर पर इन लेटिटूड रेंज के अनुसार इंस्टॉल किए जाते हैं।
- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू और कश्मीर – 30°-36°
- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा – 24°-30°
- गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र – 18°–24°
- आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल – 12°-18°
सोलर पैनल इंस्टॉल करते समय इन बातों का ध्यान रखें
सोलर पैनल वहां लगाएं जहां कोई छाया न हो क्योंकि सोलर पैनल डायरेक्ट सनलाइट में सबसे अच्छा काम करते हैं। यह पैनल आम तौर पर ऐसे एरिया पर इंस्टाल किए जाने चाहिए जो प्लेन हो वर्ण उन्हें अनइवन या रफ़ टेर्रिन में इंस्टॉल नहीं किया जाना चाहिए।अपने एरिया में सनलाइट की कंडीशन के बारे में जानकारी प्राप्त करें और मॉडर्न इक्विपमेंट का उपयोग करके सही डायरेक्शन और एंगल के साथ सोलर पैनल इंस्टॉल करने के लिए एक योग्य टेक्नीशियन से हेल्प लें।
सोलर पैनल इंस्टॉल करने के लिए सही डायरेक्शन और एंगल के बारे में ज्ञान होना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके सोलर पैनलों से ऑप्टिमम परफॉरमेंस प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा सोलर पैनल इंस्टॉल करने से पर्यावरण को भी कोई नुक्सान नहीं पहुँचता है। आप अपनी नीड्स के अनुसार उचित कैपेसिटी का सोलर सिस्टम सेटअप कर सकते हैं।
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