सोलर सिस्टम लगाने से पहले इन फैक्टर को ध्यान रखें
घर पर इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंस की बढ़ती डिमांड के कारण बिजली की कंसम्पशन बढ़ गई है जिससे मंथली बिल बढ़ गया है। इसके अलावा, बिजली की कॉस्ट में भी ग्रोथ जारी है। इस समस्या से निपटने के लिए कई लोग सोलर पैनल का उपयोग कर रहे हैं। सोलर पैनल लगाकर आप मुफ्त बिजली पैदा करते हैं जिससे आपके बिजली के बिल में काफी कमी आएगी और कुछ कंडीशन में ज़ारो भी हो जाएगा।
सोलर पैनल आपके घर की सभी बिजली की ज़रूरतों को पूरा करते हैं और आपको बार-बार पावर कट से भी बचाते हैं खासकर गर्मियों के दौरान जब पावर कट आम बात है। सोलर सिस्टम खरीदने से पहले कुछ फैक्टर पर विचार करना ज़रूरी है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे सोलर पैनल खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आपको जिससे आप सबसे बढ़िया सोलर सिस्टम लगा सकें और मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकें।
कौन सा सोलर सिस्टम आपके घर के लिए सबसे बढ़िया है?
सोलर सिस्टम सनलाइट से एनर्जी प्राप्त करता है और इसे घरों, बिज़नेस को बिजली देने या ग्रिड में फीड करने के लिए बिजली में कन्वर्ट करता है। सोलर सिस्टम दो टाइप में लगाए जाते हैं – ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम और ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम।
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
यह सिस्टम केवल तभी काम करता है जब ग्रिड पावर सप्लाई अवेलेबल हो और पावर कट के दौरान बिजली प्रोवाइड नहीं करेगा। इसमें केवल सोलर पैनल और एक इन्वर्टर होता है। अगर आपका सिस्टम आपकी कंसम्पशन से ज़्यादा बिजली पैदा करता है तो आप एडिशनल पावर को ग्रिड को वापस बेच सकते हैं।
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम
एक ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, एक इन्वर्टर और बैटरी शामिल होती हैं। यह सिस्टम उन इलाकों के लिए सूटेबल है जहाँ अक्सर बिजली चली जाती है। बैटरियाँ बैकअप पावर प्रोवाइड करती हैं जिससे आप मेन पावर सप्लाई बंद होने पर भी अपने डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं। सिस्टम दिन के दौरान चार्ज होता है और रात में या पावर कट के दौरान आपके घर को पावर दे सकता है।
सोलर पैनल के टाइप
सोलर पैनल भारत में तीन मेन टाइप में लगाए जाते हैं।
सबसे पहले आते हैं पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल, ये पैनल ज़्यादा किफ़ायती और हल्के होते हैं। ये कम रोशनी में भी काम करने में सक्षम होते हैं और लार्ज स्केल पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किए जाते हैं।
फिर आते हैं मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल जो हाईएस्ट क्वालिटी ऑफर करते हैं और पॉलीक्रिस्टलाइन पैनलों की तुलना में ज्यादा मेहेंगे होते हैं। यह पैनल कम रोशनी की कंडीशन में भी अच्छी परफॉरमेंस डिलीवर करते हैं। ये सस्टेनेबल होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं जो इन्हें डोमेस्टिक उपयोग के लिए सबसे बढ़िया पैनल बनाते हैं।
फिर आते हैं थिन-फिल्म वाले सोलर पैनल जो दो प्रकारों की तुलना में हल्के और सस्ते होते हैं। ये कम रोशनी में भी चार्ज हो सकते हैं और घर की बिजली की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सूटेबल होते हैं।
सोलर सिस्टम के लिए लोड कैसे कैलकुलेट करें?
सोलर सिस्टम खरीदने से पहले उन डिवाइस के टोटल लोड की कैलकुलेशन करें। अगर आपके घर में 2 90 वाट के फैन, एक 1300 वाट का 1-टन का एयर कंडीशनर, एक 70 वाट की LED TV जैसे डिवाइस हैं तो आपके घर का टोटल पावर लोड 180 + 1300 + 70 = 1550 वाट हो जाता है।
अगर आप इन सभी एप्लायंस को पावर देना चाहते हैं तो आपको एक ऐसा सोलर सिस्टम चाहिए जो 2000 वाट से ज्यादा बिजली हैंडल कर सके। ऑफ-ग्रिड सिस्टम के लिए आपको बैटरी चार्ज करने के लिए एडिशनल बिजली की भी नीड होगी। 2.5 किलोवाट का ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए सूटेबल होगा। इस सिस्टम की कीमत लगभग ₹90,000 होगी।
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