जानिए क्या अलग है साइन वेव इन्वर्टर में रेगुलर इन्वर्टर की तुलना में
बिजली की बढ़ती माँगों के साथ कई क्षेत्रों में ज्यादा पावर लोड के कारण भारी पावर कट का सामना करना पड़ता है जिससे ज़रूरी कामों में बाधाएँ आती हैं। ग्रिड पावर आउटेज के बाद इनवर्टर का उपयोग करके बिजली की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। घरों और इंडस्ट्रियल सेक्टर में ज्यादातर एप्लायंस अल्टेरनेटिंग करंट पर चलते हैं। इनवर्टर का उपयोग डायरेक्ट करंट को AC में बदलने के लिए किया जाता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे इन्ही इन्वेर्टरों के बारे में और क्यूंकिआपको एक साइन वेव वाला इन्वर्टर खरीदना चाहिए नार्मल इन्वर्टर के मुक़ाबले।
इन्वर्टर और उनके उपयोग को जानें
आज के बाज़ार में कई प्रकार और ब्रांड के इनवर्टर उपलब्ध हैं जो बिजली को DC से AC में कन्वर्ट करते हैं। इन्वर्टर का उपयोग कंस्यूमर को उनकी नीड्स के अनुसार बिजली की कंसम्पशन को ऑप्टिमाइज़ करता है। आमतौर पर, एक इन्वर्टर अपनी कैपेसिटी के आधार पर लाइट, पंखे, अन्य घरेलू एप्लायंस के साथ-साथ लिफ्ट, कंप्यूटर, स्कैनर और बहुत कुछ को बिजली दे सकता है। इनवर्टर का प्रयोग आमतौर पर घरों में किया जाता है।
एक स्क्वायर वेव इन्वर्टर जिसे संशोधित साइन वेव इन्वर्टर के रूप में भी जाना जाता है, यह इन्वर्टर बैटरी में स्टोर्ड डायरेक्ट करंट को AC में कन्वर्ट करता है। इसी प्रकार साइन वेव इन्वर्टर भी करंट को परिवर्तित करने का कार्य करता है। साइन वेव इन्वर्टर की कीमत आमतौर पर स्क्वायर वेव इन्वर्टर की तुलना में ज्यादा होती है क्योंकि इस इन्वर्टर का आउटपुट बहुत स्मूथ होता है। इस इन्वर्टर के इस्तेमाल से यूजर्स को कई तरह से फायदा होता है। इस सोलर इन्वर्टर को चुनने के मुख्य कारणों को समझकर आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
जानिए क्यूंकि आपको एक साइन वेव इन्वर्टर चुनना चाहिए रेगुलर इन्वेर्टरों के मुक़ाबले
एफिशिएंसी और पावर लॉस
रेगुलर इनवर्टर आमतौर पर 75% से 85% की एफिशिएंसी रेंज के साथ काम करते हैं जबकि प्रीमियम साइन वेव इनवर्टर 90% से 95% की एफिशिएंसी रेंज के साथ काम करते हैं। साइन वेव इनवर्टर मॉडरेट-क्वालिटी वाली पावर प्रदान करने में ज्यादा एफ्फिसिएक्ट हैं जिसके कारम पावर लॉस कम होता है। यह प्रॉपर यूसेज में सहायता करता है और बिजली के बिल को कम करने में मदद करता है।
रेगुलर इनवर्टर अक्सर हाई इलेक्ट्रिकल नॉइज़ जनरेट करते हैं जिससे ऑपरेशन के दौरान एप्लायंस (जैसे टीवी, लाइट, पंखे, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर आदि) को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीँ साइन वेव इन्वर्टर का उपयोग एप्लायंस को सुरक्षित रूप से संचालित करने में मदद करता है जिससे बिना किसी गड़बड़ी के शानदार परफॉरमेंस डिलीवर होती है।
आउटपुट वेव और इंडक्टिव लोड
साइन वेव इन्वर्टर से प्राप्त आउटपुट वेवफॉर्म काफी हद तक इलेक्ट्रिक ग्रिड से प्राप्त इलेक्ट्रिकल वेवफॉर्म के समान होता है जिसके कारण मिनिमम हार्मोनिक डिस्टॉरशन होता है। यह कंप्यूटर, टीवी, माइक्रोवेव, एसी आदि जैसे एप्लायंस को क्लीन और स्टेबल पावर आउटपुट ऑफर करता है।
साइन वेव इनवर्टर ज्यादा एफ्फिसिएंट होते हैं और मोटर जैसे इंडक्टिव लोड को संभालने में सक्षम होते हैं जो इलेक्ट्रिक सर्किट के कॉम्पोनेन्ट होते हैं जिन्हें ऑपरेट करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी की नीड होती है। जब इस तरह के लोड को रेगुलर इनवर्टर द्वारा ऑफर की गई बिजली द्वारा ऑपरेट किया जाता है तो उपकरण ज्यादा गर्म हो जाते हैं। इससे डैमेज का खतरा बढ़ जाता है और उनकी लाइफसाइकिल कम हो जाता है।
कीमत और चार्जिंग
साइन वेव इन्वर्टर की कॉस्ट आमतौर पर इसके बेहतर परफॉरमेंस और कैपेबिलिटी के कारण रेगुलर इन्वर्टर की तुलना में ज्यादा होती है। साइन वेव इनवर्टर यूजर को कई लाभ ऑफर करते हैं, जिनमें लम्बी लाइफसाइकिल, ज्यादा पावर बैकअप ऑफर करना और कम मेंटेनेंस की नीड शामिल है। जबकि रेगुलर इनवर्टर सस्ते हो सकते हैं उनका उपयोग रिस्क पैदा कर सकता है। साइन वेव इनवर्टर रेगुलर इनवर्टर की तुलना में तेजी से चार्ज होते हैं।
बार-बार पावर कूट का सामना करने वाले एरिया में रहने वाले यूजर के लिए यह सुविधा महत्वपूर्ण हो जाती है। कमर्शियल या इंडस्ट्रियल एस्टेबिलिशमेंट (जैसे होटल, मॉल, अस्पताल आदि) में एप्लायंस के प्रॉपर फंक्शनिंग को सुनिश्चित करने के लिए, लिफ्टों के ऑपरेशन के लिए साइन वेव इनवर्टर को प्रेफर दी जाती है।
यह भी देखिए:जानिए जनरेटर और इन्वर्टर के फायदे और नुकसान
2 thoughts on “जानिए क्यों आपको Sine Wave इन्वर्टर खरीदना चाइये एक नार्मल इन्वर्टर के मुकाबले”