जानिए कितने साल चलते हैं सोलर पैनल और कितना आता है इनकी सर्विस करवाने में खर्च

सोलर पैनल की लाइफसाइकिल और मेंटेनेंस कॉस्ट जानें

आज के समय में बढ़ती बिजली की डिमांड के कारण बिजली के बिल में तेज़ी से इनक्रीस हो रहे हैं। बढ़ती एनर्जी कॉस्ट से निपटने का एक इफेक्टिव तरीका सोलर पैनल का उपयोग करना है। सोलर पैनल सनलाइट को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं जिससे बिजली जनरेट करने का एक एनवायर्नमेंटल-फ्रेंडली तरीका मिलता है। इससे फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम होती है और पर्यावरण भी ज्यादा सस्टेनेबल बनता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे आप भी सोलर पैनल लगवा कर पैसों की बचत कर सकते हैं और सालों तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं।

सोलर पैनल कितने समय तक चलते हैं?

सोलर पैनल में इन्वेस्ट करना एक अच्छा डिसिशन होगा क्योंकि एक बार इंस्टॉल होने के बाद वे कई सालों तक बिजली जनरेट कर सकते हैं। सोलर पैनल में इनिशियल इन्वेस्टमेंट 4 से 5 साल के अंदर वसूल की जा सकती है। इस पीरियड के बाद आप सोलर पैनल की लाइफ के बचे हुए साल के लिए मुफ़्त बिजली का आनंद ले सकते हैं।

सोलर पैनल हर साल लगभग 0.5% एफिशिएंसी लूज़ करते हैं। ज्यादातर कंपनियाँ अपने सोलर पैनल पर 25 साल की वारंटी देती हैं और उसके बाद भी पैनल 80% एफिशिएंसी से काम करने में सक्षम होते हैं। सोलर पैनलों की लाइफसाइकिल और एफिसिएंसी को बढ़ाने के लिए उन्हें साफ और धूल और गंदगी से फ्री रखना ज़रूरी है। रेगुलर मेंटेनेंस और सफाई उनके परफॉरमेंस को बनाए रखने और एफिशिएंसी में लॉस को रोकने में मदद करती है।

सोलर पैनल सर्विसिंग कॉस्ट कितनी होगी?

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सोलर पैनल कितने समय तक चलते हैं और इनकी मेंटेनेंस कैसे करते हैं? पूरी जानकारी लें
Source: WOSU Public Media

सोलर पैनल सर्विसिंग में आपके सोलर सिस्टम की मेंटेनेंस और उप-कीप शामिल है। सोलर पैनल के लाइफसाइकिल को समझकर सर्विसिंग कॉस्ट का एस्टीमेट लगाया जा सकता है। आप अपने सौर सिस्टम को इंस्टॉल करने वाली कंपनी के साथ एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (AMC) का ऑप्शन चुन सकते हैं। AMC के साथ कुछ सर्विसिंग काम फ्री में ऑफर किए जाते हैं जबकि अन्य में नॉमिनल चार्ज लग सकता है।

सर्विसिंग के दौरान सोलर पैनलों की एफिशिएंसी और कैपेसिटी की जाँच की जाती है और पैनलों और सिस्टम के अन्य कॉम्पोनेन्ट पर मेंटेनेंस किया जाता है। सोलर पैनल की सफाई सर्विसिंग प्रोसेस का एक ज़रूरी पार्ट है जिससे वे एफिसिएनक्टली बिजली जनरेट करते रहें। अगर सिस्टम में कोई समस्या है तो सर्विसिंग के दौरान उसका सोल्यूशन किया जाता है और उसकी रिपेयर की जाती है। प्रॉपर मेंटेनेंस और केयर से आपके सोलर पैनल आसानी से बिजली का प्रोडक्शन करते रहें।

सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के लिए सरकारी सब्सिडी

सरकार नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए इन्सेन्टिवाइस करने के लिए सब्सिडी ऑफर करती है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें फाइनेंसियल इंसेंटिव देकर सोलर एनर्जी को ज्यादा एक्सेसिबल बनाने के लिए काम कर रही हैं। सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आपको एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉल करना होगा जिसमें बैटरी का उपयोग नहीं होता है।

ऑन-ग्रिड सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा जनरेट की गई बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। ग्रिड की बिजली आपके सभी एप्लायंस को पावर देती है और शेयर की गई बिजली का अमाउंट की कैलकुलेशन करने के लिए नेट मीटरिंग का उपयोग किया जाता है।

सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर आप कम कीमत पर सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर सकते हैं। इससे आपके बिजली के बिल में काफी कमी आ सकती है और आप एडिशनल बिजली को यूटिलिटी कंपनी को वापस बेच भी सकते हैं। सरकार ने हाल ही में पीएम सूर्योदय मुफ़्त बिजली योजना शुरू करी है जिसके तहत 1 किलोवाट के लिए ₹30,000, 2 किलोवाट के लिए ₹60,000 और 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम के लिए ₹78,000 की सब्सिडी दी जाती है।

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