महाराष्ट्र में लगेगा 3,048 MW का सोलर पावर प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (MSEB होल्डिंग कंपनी) की ओन्ड सब्सिडियरी कंपनी MSEB सोलर एग्रो पावर (MSAPL) ने प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान के कॉम्पोनेन्ट C के अंडर 3,048 मेगावाट सोलर पावर की टोटल कैपेसिटी हासिल करने के लिए 14 टेंडर्स जारी की हैं। फीडर-लेवल सोलराइज़शन के लिए महाभियान (PM-KUSUM) प्रोग्राम।
बिड सबमिट करने की लास्ट डेट 27 फरवरी, 2024 है और बिड उसी दिन ओपन की जाएंगी। ये प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना प्रोग्राम के फेज 2 का हिस्सा हैं। टेंडर की गई प्रत्येक इंडिविजुअल प्रोजेक्ट में यूनिट का एक क्लस्टर शामिल होना चाहिए, और प्रोजेक्ट बिड की टोटल कैपेसिटी मिनिमम 50 MW होनी चाहिए।
क्या है इस स्कीम का टारगेट ?
सफल बिडर फंडिंग हासिल करने और डेवलपमेंट, डिजाइन, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन, कमीशनिंग, ऑपरेशन और मॉन्टेनन्स यूनिट्स के पूरे लाइफसाइकिल की ओवरसीइंग के लिए रेस्पोंसिबल होगा। बिडर को यूनिट और प्रोजेक्ट दोनों लेवल पर ₹3.10/ kWh के मैक्सिमम टैरिफ पर एग्री होना होगा।इसके अलावा, बिडर को प्रति मेगावाट ₹2,500 का प्रोसेसिंग फी और ₹25,000 की डॉक्यूमेंट कॉस्ट को पे करना आवश्यक है। प्रति मेगावाट कोटेड कैपेसिटी के लिए ₹1,00,000 की अर्नेस्ट मनी भी डिपाजिट करनी होगी।
सिलेक्टेड बिडर को प्रति मेगावाट कोटेड कैपेसिटी के लिए ₹5,00,000 की परफॉरमेंस बैंक गारंटी ऑफर करनी होगी। यदि बिड की ड्यू डेट से पहले महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (MSEDCL) द्वारा अलॉटेड एरिया में 11 kV / 22 kV / 33 kV वोल्टेज लेवल पर इंटरकनेक्शन के लिए एगलीजिबल नए सबस्टेशनों की आईडेंटीफाई की जाती है, तो एडिशनल 57 MW सोलर पावर प्रोक्योर्ड की जा सकती है।
क्या होगी एलिजिबिलिटी ?
बिडर को 200 MW से ज्यादा की कोटेड कैपेसिटी के लिए कम से कम 250 मेगावाट की कमीशन या ऑपरेशनल सोलर कैपेसिटी और 200 MW से नीचे की कैपेसिटी के लिए 100 MW की आवश्यकता को डेमोंस्ट्रेटे करना आवश्यक है। उन्हें पिछले तीन फाइनेंसियल ईयर में ₹10 मिलियन की पॉजिटिव नेट वर्थ भी दिखानी चाहिए।
इसके अलावा, बिडर के पास 2022-2023 के दौरान मिनिमम एनुअल टर्नओवर ₹2.5 मिलियन/ MW होना चाहिए और इंटरनल रिसोर्स जेनेरशन कैपेसिटी ₹1 मिलियन/ MW के बराबर होनी चाहिए, जिसकी कैलकुलेशन डेप्रिसिएशन, इंटरेस्ट और टैक्स से पहले प्रॉफिट के रूप में की जाती है। फॉरेन इन्वेस्टमेंट फंड एग्लिजिबल हैं अगर मैनेजमेंट के अंडर उनकी एसेट की वैल्यू कम से कम ₹10 बिलियन है और उनके पास मिनिमम इंवेस्टबल फंड ₹5 बिलियन है। MSEB सोलर एग्रो पावर ने PM-KUSUM प्रोग्राम के कॉम्पोनेन्ट C के अंडर 366 MW सोलर पावर की प्रोक्योरमेंट के लिए बिडिंग भी इन्वाइट किए हैं।
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