अब सोलर पैनल की छत्त बनाकर की जा सकती है खेती इस तरीके से
सोलर एनर्जी का उपयोग सभी क्षेत्रों में किया जा सकता है। इस एनर्जी से बिजली बनाने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है। अब पेडल पर नए अपोलो पैनल की स्थापना के बाद उनके नीचे सब्जियां और फूलों की खेती की जा सकती है। ऐसे में नागरिकों को एनालॉग ऊर्जा और कृषि दोनों में ही लाभ प्राप्त होता है और सोलर एनर्जी के प्रयोग से इलेक्ट्रिक एनर्जी को भी आसानी से पूरा किया जा सकता है। इस लेख में हम बात करेंगे कैसे इन सोलर पैनलों का उपयोग करके किसान सोलर पैनल की छत्त के नीचे अपनी सब्ज़ियां और फल ऊगा कर लाभ उठा रहे हैं। आइए पूरा विवरण जानें।
वनस्पति और फूलों की खेती के साथ-साथ राजस्थान के राजमाता विजयराजे में भी एक परियोजना पर काम किया गया है जिसमें सोलर एनर्जी से बिजली उत्पादन के साथ-साथ फूल और सब्जी की खेती भी शामिल की जा सकती है। ऐसे में सोलर पैनल पर जो बारिश का पानी गिरेगा उसे तालाब में संग्रहित किया जा सकता है। इसके अलावा इस पानी का उपयोग कृषि या अन्य किसी भी काम के लिए किया जा सकता है। साथ ही सोलर पैनल को स्थापित करके सोलर एनर्जी से बिजली प्राप्त होती है।
बारिश के पानी को बचाएं और बाद में उपयोग करें इस सोलर सिस्टम की मदद से
इस परियोजना को “सब्जी की खेती के लिए सोलर एनर्जी मॉडल” कहा जाता है। इस मॉडल में सोलर पैनल ऊँचाई पर लगाए जाते हैं जिससे नीचे की ज़मीन का उपयोग खेती के लिए किया जा सकता है। इसके तहत बारिश के जल को संग्रहीत करने के लिए तालाब या टैंक बनाए जाते हैं जिनका उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है और इससे पानी को भी बचाने में मदद मिलती है। यह सिस्टम खुले मैदान में खेती को अनुकूलित करने में मदद करती है जिससे सोलर एनर्जी और ज़मीन दोनों का उचित उपयोग होता है।
फूल और सब्जी की खेती के लिए यह सोलर एनर्जी मॉडल किसानों को काफी लाभ प्रदान करता है। इस सिस्टम को स्थापित करके आप बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग कर सकते हैं साथ ही साथ अपनी खेती को विकसित कर सकते हैं। यह मॉडल अभी पूरे देश में पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है लेकिन जल्द ही इसे मंज़ूरी मिलने की उम्मीद है जिससे यह सभी के लिए सुलभ हो जाएगा। इस तरह के सोलर मॉडल को स्थापित करने से एक साथ कई लाभ मिलते हैं।
सोलर पैनलों से पैदा की गई बिजली से पैसे कमाएँ
सोलर पैनलों से पैदा की गई बिजली को डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को बेचा जा सकता है जो आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करता है। इसके लिए एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित किया जाता है और स्थापना लागत में मदद के लिए सरकारी सब्सिडी उपलब्ध है। इस प्रकार के सिस्टम में सोलर पैनलों द्वारा उत्पादित बिजली को ग्रिड में भेजा जाता है जिससे बिजली बिल कम करने में भी मदद मिलती है।