भारत की सबसे बड़ी एनर्जी कंपनियों में से एक, NHPC ने स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए GGGI के साथ की महत्वपूर्ण साझेदारी
भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी NHPC लिमिटेड ने 28 नवंबर, 2024 को एग्रीवोल्टाइक्स, ग्रीन हाइड्रोजन और सस्टेनेबल फाइनेंसिंग सहित स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट (GGGI) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
NHPC के फरीदाबाद स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय में इस समझौते को औपचारिक रूप दिया गया है जिसमे दोनों संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस MoU पर, वी.आर. श्रीवास्तव, NHPC कार्यकारी निदेशक (REGH) और सौम्य प्रसाद गरनायक, GGGI कंट्री हेड ने हस्ताक्षर किए हैं। इस अवसर पर NHPC के निदेशक (कार्मिक) उत्तम लाल और GGGI सलाहकार डी.के. खरे, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद थे।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य जानें
इस साझेदारी की मदद से कृषि के साथ कृषिवोल्टिक परियोजनाओं के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को एकीकृत किया जाएगा जो सोलर एनर्जी उत्पादन को कृषि प्रथाओं के साथ जोड़ती हैं। भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे टिकाऊ वित्तपोषण मॉडल प्राप्त किया जा सके।
यह समझौता ज्ञापन पेरिस समझौते के तहत भारत की प्रतिबद्धताएँ को उजागर करता है जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और कम कार्बन अर्थव्यवस्था में संक्रमण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसी के साथ NHPC अपने नवीकरणीय ऊर्जा उद्देश्य, जलविद्युत से परे अभिनव स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को शामिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी।
इस पहल में जुड़े भागीदारों के बारे में जानें
NHPC लिमिटेड एक नवरत्न उद्यम है और जलविद्युत क्षेत्र में भारत की अग्रणी कंपनियों में से एक है जो जलविद्युत, सोलर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विविध पोर्टफोलियो का संचालन करती है। यह कंपनी अक्षय ऊर्जा के प्रति अपनी सहायता राष्ट्रीय और वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ मेल करती है।
इसी के साथ GGGI एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सस्टेनेबल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसमें अक्षय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन की ओर कड़े कदम और हरित विकास की रणनीतियां शामिल हैं।
इस सहयोग स्केलेबल, जलवायु के लिए लाभकारी परियोजनाएँ विकसित की जाएंगी जो भारत के अक्षय ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देंगी। साथ ही इससे स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा, विशेष रूप से एग्रीवोल्टाइक और ग्रीन हाइड्रोजन को और ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं में निवेश को और भी आगे आकर्षित किया जाएगा जिससे देश के एक स्थायी एनर्जी सिस्टम में परिवर्तन में योगदान मिलेगा।