अपने घर के लिए लगाएं सभी बढ़िया सोलर पैनल
सोलर पैनल सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करते हैं और उसे बिजली में परिवर्तित करते हैं जिससे वे बिजली उत्पादन के लिए सबसे उचित समाधान बन जाते हैं। सोलर पैनलों का उपयोग करने से भारी बिजली को बिलों को काफी कम किया जा सकता है। भारत सरकार अपने नागरिकों को सोलर सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस लेख में हम बात करेंगे सोलर पैनलों के बारे में और एक सोलर पैनल पूरे दिन में कितनी बिजली पैदा कर सकता है।
एक दिन में सोलर पैनल कितनी बिजली पैदा कर सकते हैं?
कई लोग नहीं जानते कि एक सोलर पैनल प्रतिदिन कितनी बिजली पैदा कर सकता है जिसके कारण अक्सर बहुत ज्यादा या बहुत कम क्षमता वाले पैनल चुनने पड़ते हैं, जिससे काफी नुकसान होता है। एक 400-वाट का सोलर पैनल जो 6 घंटे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहता है वो लगभग 2.4 kWh (किलोवाट-घंटा) बिजली पैदा कर सकता है जो लगभग 2 यूनिट बिजली के बराबर है।
एक एक 500-वाट का सोलर पैनल जो प्रतिदिन 2.5 से 3 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। 1kW सोलर सिस्टम प्रतिदिन 5 यूनिट तक बिजली पैदा कर सकता है। एक 3kW का सोलर सिस्टम प्रतिदिन लगभग 15 यूनिट तक बिजली पैदा कर सकता है। वहीँ एक 5kW का सोलर सिस्टम प्रतिदिन लगभग 25 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है।
एक सोलर पैनल प्रतिदिन कितनी बिजली पैदा कर सकता है यह कई कारकों पर निर्भर करता है। इनमे सोलर पैनल का आकार, सोलर पैनल की दक्षता, सोलर पैनल का प्रकार, स्थापना की जगह पर सूर्य की स्थिति, मौसम की स्थिति, और तापमान जैसे कई कारक शामिल हैं।
घर पर किस क्षमता का सोलर पैनल लगाना चाहिए?
घर पर सोलर सिस्टम लगाने से पहले अपने घर की बिजली खपत की जानकारी होना ज़रूरी है। यह जानकारी आपके बिजली मीटर या बिजली बिल से प्राप्त की जा सकती है। वार्षिक बिजली खपत की गणना करते समय मौसमी बदलावों पर विचार करें क्योंकि गर्मी और सर्दी के दौरान बिजली की मांग बढ़ जाती है। अगर आपके घर की मासिक बिजली खपत लगभग 300 यूनिट है तो आपको एक 2kW सोलर सिस्टम की आवश्यकता हो सकती है। एक 1kW सोलर सिस्टम उन घरों के लिए उपयुक्त है जिनका लोड हर महीने 150 यूनिट तक होता है।
सोलर इंस्टॉलेशन के लिए सरकारी सहायता
भारत सरकार नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसमें पीएम सोलर रूफटॉप योजना जैसी कई योजनाएं शामिल हैं जिसके तहत सरकार 1 करोड़ घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने और परिवारों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने की योजना बना रही है।
सोलर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाने की सलाह दी जाती है, जहाँ पैदा की गई बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि एक ऑन-ग्रिड सिस्टम में बैकअप पावर उपलब्ध नहीं है। सरकार केवल पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
सोलर पैनल लगाने के लाभ
एक बार स्थापित होने के बाद सोलर पैनल उचित रखरखाव के साथ 25 साल से ज्यादा समय तक बिजली पैदा कर सकते हैं। मोनोक्रिस्टलाइन या बाइफेसियल तकनीक का उपयोग करने वाले उन्नत सोलर पैनल खराब मौसम में भी बिजली पैदा करने में सक्षम हैं, लेकिन वे ज्यादा महंगे होते हैं। सरकारी सब्सिडी के साथ इन उन्नत सोलर सिस्टम को कम लागत पर स्थापित किया जा सकता है।