क्या इस नई टेक्नोलॉजी के साथ रात में भी बिजली पैदा करेंगे सोलर पैनल? जानिए पूरी सचाई

अब नई टेक्नोलॉजी के साथ रात के अंधेरे में भी बानगी बिजली

अभी के समय में भारत में रिन्यूएबल व ग्रीन एनर्जी को लेकर काफी जोर दिया जा रहा है और अब लोग इनकी तरफ जा रहे हैं। ग्रीन एनर्जी और सोलर को लेकर भारत सरकार भी काफी सहायता कर रही है जिसके बाद अब आपको सोलर पैनल लगवाने पर बढ़िया सब्सिडी मिल जाती है। देश में अब लोग अपने घर, दुकार और बिज़नेस के लिए सोलर पैनल को पूरी वरीयता देने लगे हैं। सोलर एनर्जी के न केवल आपके खर्च में राहत मिलती है बल्कि ये रारियावरण के लिए भी बोहोत बढ़िया माने गए हैं। सोलर लगवा कर आप अपने बिजली के बिलों को काफी कम कर सकते हैं और ज्यादा बिजली बनने पर आप इसे सरकार को बेच कर पैसे भी कमा सकते हैं।

सोलर एनर्जी को लेकर आज दुनिया भर में नई नई टेक्नोलॉजी आ रही हैं जो इन्हे और भी ज्यादा एफ्फिसिएंट और ज्यादा सक्षम बना रही हैं। अभी बड़ी बड़ी सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग ब्रांड अपने नए हाइड्रोजन सोलर पैनल, बाइफेसियल सोलर पैनल व वर्टीकल सोलर पैनल जैसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं व इन्हे और भी ज्यादा पावरफुल और सक्षम बनाने की कोशिश कर रही हैं। अब ब्रांड ऐसे सोलर पैनलों पर काम कर रही हैं जो रात के अंधेरे में भी आपको पावर दे सके।

कैसे बने इस प्रकार के सोलर पैनल?

सोलर पैनल टेक्नोलॉजी में काफी सारे बड़े बदलाव हुए हैं जिससे पैनल दिन और रात दोनों समय बिजली पैदा कर सकते हैं। इसकी मदद से दक्षता बढ़ाने और पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता को कम करने का वादा किया जा रहा है। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के इंजीनियरों ने ये उन्नत सोलर पैनल बनाया है जो सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में भी ऊर्जा का दोहन करने के लिए थर्मोइलेक्ट्रिक उत्पादन का उपयोग करते हैं।

सबसे बड़ा सवाल ये उठता है की ये सोलर पैनल काम कैसे करेंगे तो इसका जवाब इंजीनियररों ने दिए की रात के समय सोलर पैनल सोलर सेल और आसपास की हवा के बीच तापमान के अंतर का उपयोग करके काम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इससे यह सोलर पैनल कम रोशनी की स्थिति में या रात के दौरान भी बिजली पैदा करने में सक्षम होंगे। थर्मोइलेक्ट्रिक उत्पादन के सिद्धांत का उपयोग करके ये पैनल तापमान के अंतर को एनर्जी में परिवर्तित करते हैं जिससे सूर्य के प्रकाश के बिना घरों और दूरदराज के क्षेत्रों को बिजली देना संभव हो जाता है। इन सोलर पैनलों के बाद ज़िन्दगी और भी आसान होने वाली है व आपको सरकारी बिजली की जरुरत बिलकुल कम पड़ेगी।

जानिए कैसे काम करेंगे ये सोलर पैनल?

रात में बिजली पैदा करने वाले सोलर पैनलों की सबसे खास बात यह है कि वे कम रौशनी या फिर अंधेरे में बिजली पैदा करने में सक्षम होंगे। ये सोलर पैनल पर्यावरण से गर्मी को पकड़ने और सूरज की रोशनी न होने पर इसे पावर में बदलने के लिए थर्मोइलेक्ट्रिक तकनीक का उपयोग करेंगे। दिन के दौरान ये सोलर पैनल साधारण सोलर पैनलों की तरह काम करते हैं सूरज की रोशनी को बिजली में बदलते हैं।

रात में यह पैनल आसपास के थर्मल एनर्जी को बिजली में बदलने लगते हैं। थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर के साथ एकीकृत ये पैनल रात में लगभग 50 mW/m² बिजली पैदा कर सकते हैं जिससे निरंतर बिजली की आपूर्ति प्रदान की जा सकती है। अभी तक ये सोलर पैनल मार्किट में मौजूद नहीं हैं लेकिन उम्मीद है की ये बोहोत जल्द भारतीय मार्किट में आएंगे क्यूंकि भारत एक बड़ा देश है जो अब सोलर पैनल व ग्रीन एनर्जी की तरफ सबसे ज्यादा तेज़ी से बढ़ रहा है। अभी तक इन सोलर पैनलों की कीमत का भी कोई अनुमान नहीं लगाया गया है लेकिन ये स्वाभाविक है की ये सोलर पैनल साधारण सोलर पैनल के मुकाबले काफी किफायती होने वाले हैं।

Leave a Comment