सोलर पैनल से चार्ज करें अपने इलेक्ट्रिक वाहन को
पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएँ आज के समय में काफी तेज़ी से बढ़ रही हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक वाले उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनो को अपनाने में भी तेज़ी से वृद्धि आ रही है। इन वाहनों का उपयोग करके हम जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को भी कम कर सकते हैं और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। सरकार सोलर एनर्जी वाले उपकरणों के उपयोग को भी बढ़ावा दे रही है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगाएं सोलर पैनल
आप सरकारी योजना के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ सोलर पैनल का भी लाभ उठा सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करके हम सड़क पर जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों की संख्या को कम कर सकते हैं। आज के समय में हम ईवी बाज़ार में 2-पहिया, 3-पहिया और 4-पहिया वाहन आसानी से पा सकते हैं और पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों पर निर्भरता को ख़तम कर सकते हैं।
अब आप इन वाहनों की बैटरियों को सोलर एनर्जी का उपयोग करके चार्ज कर सकते है जो सोलर पैनलों के माध्यम से पैदा होती है। इन सोलर पैनलों को लगाने के लिए लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और मुफ्त बिजली का उपयोग करके अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकते हैं।
पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना
केंद्र सरकार ने नई पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना शुरू करी है जिसके माध्यम से नागरिकों को सोलर सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के लिए आवेदन करके सोलर पैनल लगाने की लागत को काफी कम किया जा सकता है। सरकार ने इस योजना को चलाने के लिए ₹7,500 करोड़ का बजट आवंटित किया है। सोलर सब्सिडी का लाभ उठाकर आप कम लागत पर सोलर सिस्टम लगा सकते हैं।
इस साल केंद्र सरकार ने सोलर पैनल लगाने को बढ़ावा देने के लिए नई पीएम सूर्य घर योजना शुरू करी है। इस योजना के तहत 1kW से लेकर 10kW क्षमता तक के ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर जाती है। इस योजना के तहत 1kW सिस्टम के लिए ₹30,000, 2kW सिस्टम के लिए ₹60,000 की सब्सिडी और 3kW से लेकर 10kW तक के सिस्टम के लिए ₹78,000 तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
इस योजना के माध्यम से नागरिकों को न केवल सब्सिडी मिलती है बल्कि वे सोलर सिस्टम लगाने के बाद हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली भी प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह सोलर सिस्टम बिजली के बिल को कम करने में मदद करते हैं। एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में पैनलों द्वारा उत्पन्न बिजली ग्रिड के साथ शेयर करी जाती है और उपयोगकर्ता ग्रिड बिजली का उपयोग करते हैं। इस साझा की गई बिजली को नेट मीटर का उपयोग करके ट्रैक किया जाता है।