भारत का पवन ऊर्जा क्षेत्र अपनी अक्षय ऊर्जा यात्रा में एक प्रमुख खिलाड़ी है। इसकी स्थापित क्षमता 47 गीगावाट है जो इसे विश्व स्तर पर चौथी सबसे बड़ी कंपनी बनाता है। 2030 तक कंपनी 140 गीगावाट हासिल करने के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रही है। इसी के साथ कंपनी भारत के 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य में हैं योगदान देने की तैयारी कर रही है।
सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के बारे में जानें
सुजलॉन एनर्जी भारत की प्रमुख पवन ऊर्जा समाधान प्रदाता है, कंपनी का वर्त्तमान बाजार पूंजीकरण ₹80,03,500 करोड़ है। गुरुवार को इसके शेयर ₹56.78 पर बंद हुए थे जो पिछले बंद भाव ₹54.08 से 5% ज्यादा है। कंपनी ने राजस्व में 48% की वृद्धि की है जो Q1FY24 में ₹1,421 करोड़ से बढ़कर Q1FY25 में ₹2,103 करोड़ हो गया है। कंपनी के शुद्ध लाभ में 97% की वृद्धि हुई है जो कि इसी अवधि में ₹102 करोड़ से बढ़कर ₹201 करोड़ हो गया है जो कि मजबूत वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाता है।
राजस्व संरचना और लाभ विभाजन
कंपनी का कुल खंड राजस्व (Q2FY25) ₹2,092 करोड़ जो (Q2FY24) के ₹2,015 करोड़ से 1% ज्यादा है। पवन टरबाइन जनरेटर (WTG) राजस्व का 70% है। साथ ही संचालन और रखरखाव सेवाएँ (OMS) राजस्व का 26% है साथ ही
फाउंड्री और फोर्जिंग राजस्व का 3% है।
कंपनी में OMS लाभप्रदता पर हावी है जो इसके लाभ का 97% (लगभग ₹195.82 करोड़) योगदान देता है। कंपनी का WTG लाभ ₹42.82 करोड़ है और फाउंड्री और फोर्जिंग ₹0.57 करोड़ है वहीँ अन्य स्रोत ₹1.69 करोड़ है।
कंपनी की डिलीवरी ग्रोथ Q2 FY25 में 256 MW डिलीवर किया गया है जो पिछले साल के 132 MW से दोगुना होकर सात साल में सबसे ज़्यादा है। 20.8 GW वैश्विक स्थापित क्षमता के साथ यह कंपनी भारत के पवन ऊर्जा क्षेत्र में 32% बाजार हिस्सेदारी रखती है। PSU और C&I क्लाइंट द्वारा विश्वसनीय, उच्च-मूल्य वाले ऑर्डर पर ध्यान केंद्रित करती है।
कंपनी ने एनटीपीसी ग्रीन से 1.166 गीगावाट का ऑर्डर प्राप्त किया है जिससे इसकी ऑर्डर बुक बढ़कर 5 गीगावाट से ज्यादा हो गई है। रेनोम के अधिग्रहण के साथ मल्टी-ब्रांड ओएंडएम में प्रवेश किया है जिससे लाभप्रदता में वृद्धि हुई है।कॉर्पोरेट और गैर-प्रमुख संपत्ति बिक्री से ₹440 करोड़ अर्जित किए हैं।
निष्कर्ष
सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनी हुई है। यह कंपनी अपनी मज़बूत बाज़ार स्थिति, मज़बूत वित्तीय स्थिति और परिचालन उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करती है जिसके कारण यह यह भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। ऑर्डर बुक विस्तार, क्षमता वृद्धि और मल्टी-ब्रांड ओएंडएम में प्रवेश सहित इसके रणनीतिक विकास इसे भारत की पवन ऊर्जा को आगे बढ़ाने में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करते हैं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इससे किसी भी प्रकार की निवेश की सलाह नहीं प्रदान की जाती है।