इस Suzlon Energy कंपनी के शेयर में आया भारी उछाल
भारत की सबसे बड़ी पवन टरबाइन निर्माता कंपनी में से एक, सुजलॉन एनर्जी ने सितंबर तिमाही के लिए काफी बढ़िया नतीजे पेश किए हैं। कंपनी के मुनाफे में 96% की बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से कई निवेशकों का ध्यान इस कंपनी पर आकर्षित किया है। इससे सुजलॉन के शेयरों में में काफी तेजी आई है जिससे कई निवेशकों ने इस बढ़त का फायदा उठाया है।
कुछ निवेशकों ने तेजी के बाद मुनाफावसूली की है जिससे शेयर में गिरावट आई है। हाल ही में सुजलॉन के शेयर बीएसई पर 2.75% की गिरावट के साथ ₹68.90 पर बंद हुए जबकि एक दिन पहले यह ₹73.50 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था लेकिन मुनाफावसूली के कारण यह ₹66.87 पर आ गया।
सुजलॉन का प्रदर्शन और सितंबर तिमाही के नतीजे
पिछले साल 31 अक्टूबर को सुजलॉन का शेयर ₹30.11 पर था और इस साल 12 सितंबर को यह ₹86.04 के एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए एक संकेतक है जो बाजार में हाल के रुझानों को दर्शाता है।
सितंबर तिमाही सुजलॉन एनर्जी के लिए बेहद सफल रही है। कंपनी का शुद्ध लाभ साल-दर-साल 96% बढ़कर ₹201 करोड़ हो गया। इस दौरान सुजलॉन को रिकॉर्ड ऑर्डर मिले जिससे इसकी वृद्धि में काफी वृद्धि हुई। कंपनी का कुल राजस्व भी 48% से बढ़कर ₹2,093 करोड़ हो गया है।
इसके EBITDA में भी 31% की वृद्धि देखी गई जो ₹294 करोड़ पर पहुंच गई है। EBITDA मार्जिन 15.9% से घटकर 14.1% हो गया है जो कंपनी के लिए चिंता का विषय हो सकता है। सुजलॉन की ऑर्डर बुक 5.1 गीगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है जिसमें NTPC से देश का सबसे बड़ा पवन ऑर्डर भी शामिल है।
ब्रोकरेज की राय
भारत की सबसे मशहूर ब्रोकरेज फर्म में से एक, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने सुजलॉन एनर्जी के हालिया प्रदर्शन पर मिश्रित राय व्यक्त की है। सुजलॉन ने सितंबर तिमाही में 254 मेगावाट का काम पूरा किया है जो मानसून की बारिश के प्रभाव के कारण अपने 275 मेगावाट के लक्ष्य से कम रहा है।
इसके अलावा, सुजलॉन का परिचालन मार्जिन 14% रहा है जो अनुमानित 16% से कम है जो कंपनी के शेयर की ओर चिंता का संकेत देते है। कंपनी का शुद्ध लाभ भी कम रहा है जो उम्मीद से 30% कम रहा है। इस कमी का कारण ESOP (कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना) संधारणीय ऊर्जा संक्रमण और कॉर्पोरेट कार्यालय पट्टों से संबंधित व्यय था।
इन मुद्दों के बावजूद नुवामा ने उल्लेख किया कि सुजलॉन ने 1.6 गीगावाट का नया ऑर्डर हासिल किया है। इससे इसकी ऑर्डर बुक रिकॉर्ड 5.1 गीगावाट पर पहुंच गई है जिससे भविष्य की राजस्व संभावनाओं में सुधार हुआ है। नुवामा का मानना है कि सुजलॉन अनुमानित 30% बाजार हिस्सेदारी के साथ वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में एक प्रमुख खिलाड़ी बना रहेगा। लेकिन, इसने मौजूदा स्तर से थोड़ा नीचे ₹67 के लक्ष्य मूल्य के साथ “होल्ड” रेटिंग बनाए रखी है।