भारत की टॉप 3 सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट जो देते हैं इतनी ज्यादा पावर

टॉप 3 सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट

बढ़ते इंडस्ट्रियलाइज़ेशन और पॉपुलर के साथ देश की एनर्जी की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। एनर्जी के ट्रेडिशनल सोर्स फाइनाइट होते हैं और लिमिटेड होने के कारण कम होते जा रहे हैं जिससे भारत सरकार भी रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं के माध्यम से इन्सेन्टिवाइस कर रही है।

सोलर एनर्जी और सोलर पैनलों की इंस्टालेशन करके लोग अपनी घर की नीड्स को पूरा करने के लिए उपयोग में लिया जा रहा है। सोलर एनर्जी की बढ़ती डिमांड और इसके हार्नेस करने के लिए कई इनोवेटिव तरीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसमें फ्लोटिंग सोलर पैनल सिस्टम लगाना सबसे मशहूर तरीका है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे देश के सबसे बेस्ट और बड़े फ्लोटिंग सोलर पैनलों के बारे में।

एक फ्लोटिंग सोलर पैनल सिस्टम ट्रेडिशनल सोलर पैनल के जैसे ही होता है लेकिन इन्हें वाटर बॉडीज की सरफेस पर इंस्टॉल किया जाता है। ज़मीन की कमी और डिमांड को पूरा करने के लिए एक फ्लोटिंग सोलर पैनल सिस्टम लगाना एक बेहतरीन ऑप्शन हो गया है।

भारत के टॉप 3 फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के बारे में जानें

1. NTPC 100 MW फ्लोटिंग सोलर प्लांट, रामागुंडम

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भारत के टॉप 3 सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के बारे में जानें
Source: Indiatimes

तेलंगाना के रामागुंडम में लोकेटेड NTPC फ्लोटिंग सोलर प्लांट आज के समय में देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है। इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट की टोटल कैपेसिटी 100 मेगावाट है। रामागुंडम रिजर्वायर पर 500 एकड़ में फैले इस प्लांट को 40 ब्लॉक में स्प्रेड किया गया है जिनमें से हर एक ब्लॉक 2.5 मेगावाट पावर जनरेट करने में सक्षम है। इस प्रोजेक्ट को 2019 में शुरू किया गया था।

यह प्लांट अपने यूनिक और एफिसिएंट डिजाइन के लिए मशहूर है। इस प्लांट का सबसे यूनिक पार्ट है की यह सभी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट फ्लोटिंग फेरोसीमेंट प्लेटफ़ॉर्म पर इंस्टॉल किए गए हैं जो रिजर्वायर की सरफेस पर फ्लोट वाले डेड-वेट कंक्रीट ब्लॉकों के द्वारा सपोर्ट किया जाता है।

2. NTPC 92 MW फ्लोटिंग सोलर प्लांट, कायमकुलम

भारत राजीव गांधी कंबाइंड साइकिल बिजली प्लांट में 92 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट के साथ एनर्जी इंडिपेंडेंस की ओर स्टेप कर रहा है। इस प्लांट को नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन द्वारा मैनेज किया जाता है। यह प्लांट क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन, एनर्जी सिक्योरिटी और पर्यावरण को बचाने में कंट्रीब्यूशन करता है।

यह प्लांट जुलाई 2022 में पूरी तरह से ऑपरेशनल किया गया था जो GIS सबस्टेशन के माध्यम से केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को पावर की सप्लाई करता है। इस प्रोजेक्ट को ₹465 करोड़ की कॉस्ट के साथ डेवेलप किया गया था और इसमें वाटर सरफेस पर लगभग 216,000 सोलर इंस्टॉल किए गए है।

3. रिहंद डैम 50 MW फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट

रिहंद डैम फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट उत्तर प्रदेश में रिहंद रिजर्वायर पर लोकेटेड है। इस प्लांट की टोटल कैपेसिटी 50 मेगावाट है और यह इलाके की एनर्जी सप्लाई के लिए सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक है।

एनर्जी प्रोडक्शन के अलावा यह प्रोजेक्ट एनर्जी सिक्योरिटी और पर्यावरण कन्सेर्वटिव को सपोर्ट करते है। यह प्लांट 25 साल के पावर परचेस एग्रीमेंट के अंडर ऑपरेट होता है जिसकी एनर्जी कॉस्ट ₹0.44/ kWh है जो इसे कॉस्ट इफेक्टिव और आकर्षक ऑप्शन बनाता है। यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करने में मदद करता है और इलाके के अर्बन और रूरल दोनों सेक्टर की बिजली की ज़रूरतों को पूरा करता है।

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