वारी एनर्जीज Vs. प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड
भारत की सोलर इंडस्ट्री अपने सोलर एनर्जी उत्पादन की विशाल क्षमता, सही नीतियों और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की बढ़ती मांग के कारण काफी वृद्धि कर रही है। यह तेज़ी से वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े सोलर बाज़ारों में से एक बन गया है जिसमें 2024 तक सोलर मॉड्यूल निर्माण के लिए लगभग 72 गीगावाट की स्थापित क्षमता और सोलर सेल निर्माण के लिए 8.1 गीगावाट की क्षमता है। भारत की बढ़ती सोलर क्षमता में देश की दो सबसे प्रमुख कंपनियां प्रीमियर एनर्जी और वारी एनर्जी लिमिटेड एहम योगदान दे रही हैं। इस लेख में हम जानेंगे इन दोनों कंपनियों के बारे में और जानेंगे कौन सी कंपनी का शेयर आपको ध्यान में रखना चाहिए।
कंपनियों के बारे में जानें
वारी एनर्जीज लिमिटेड
वर्तमान में यह कंपनी भारत में सबसे बड़ी सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माता में से एक है। वारी एक विस्तृत उत्पाद श्रृंखला प्रदान करती है जिसमें मल्टीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और टॉपकॉन मॉड्यूल शामिल हैं। यह लचीले बाइफेसियल और बिल्डिंग-इंटीग्रेटेड फोटोवोल्टिक (BIPV) मॉड्यूल जैसे विशेष मॉड्यूल भी बनाती है जो अपने विश्वसनीयता और प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। वर्त्तमान समय में कंपनी का P/E अनुपात 106 है।
वारी एनर्जीज लिमिटेड भारत में सबसे ज्यादा स्थापित क्षमता के साथ बाजार में अग्रणी कंपनियों में से एक है। आज के समय में कंपनी की कुल क्षमता 12.50 गीगावाट है और वार्षिक स्थापित क्षमता के मामले में यह कंपनी 17% की बाजार हिस्सेदारी रखती है। वारी ओडिशा में 6 गीगावाट इंगोट वेफर, सोलर सेल और सोलर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा स्थापित कर रही है जिसका अनुमानित निवेश ₹9,049.95 करोड़ है। इस पहल के माध्यम से आयातित कच्चे माल पर निर्भरता को कम करते हुए कंपनी अपने संचालन को पिछड़ा बनाना है।
प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड
प्रीमियर एनर्जीज सोलर इकोसिस्टम में एक अच्छी तरह से एकीकृत खिलाड़ी है। यह कंपनी सोलर सेल और मॉड्यूल के निर्माण और आपूर्ति पर व्यवसाय पर केंद्रित है। इसके पोर्टफोलियो में सेल और सोलर मॉड्यूल उत्पादन, मोनोफेशियल और बाइफेशियल मॉड्यूल, EPC (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) समाधान और O&M (संचालन और रखरखाव) सेवाएँ शामिल हैं। इस कंपनी का P/E अनुपात 231 है।
यह कंपनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी सोलर सेल निर्माता है और आज के समय में इसकी स्थापित क्षमता 2 गीगावाट है, साथ ही कंपनी की सोलर सेल निर्माण में 25% बाजार हिस्सेदारी रखती है। वहीँ वर्त्तमान समय में कंपनी सौर मॉड्यूल निर्माण में चौथे स्थान पर है 4.13 गीगावाट की स्थापित क्षमता के साथ।
कंपनी भविष्य में 1 गीगावाट का सोलर सेल विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। और भविष्य में 7 गीगावाट तक इसे क्षमता को बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। इसके अलावा, प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड ₹3,400 करोड़ से ज्यादा के पूंजीगत निवेश के साथ अपनी सोलर मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता को 4 गीगावाट से बढ़ाकर 8 गीगावाट कर रही है।
कौन सी कंपनी सबसे बढ़िया?
दोनों कंपनी का मूल्यांकन उद्योग के P/E 56.2 से ऊपर हैं जो स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांग के बीच अक्षय ऊर्जा कंपनियों से जुड़ी उच्च विकास अपेक्षाओं को दर्शाता है। दोनों कंपनियाँ अपनी विनिर्माण क्षमताओं के विस्तार में पर्याप्त निवेश कर रही हैं जिससे भारत के बढ़ते अक्षय ऊर्जा बुनियादी ढांचे का समर्थन करने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।