भारत के बढ़ते सोलर सेक्टर को मिलेगा $3.8 बिलियन की फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, पूरी डिटेल जानिए

भारत में सोलर एनर्जी सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट का बढ़ता हुआ ट्रेंड

भारत तेजी से सोलर एनर्जी के सेक्टर में एक ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है। इसका प्रूफ हाल ही में सामने आया डाटा है, जिसके अनुसार फॉरेन कंपनियों ने पिछले तीन फाइनेंसियल ईयर और सितंबर 2023 तक करंट फाइनेंसियल ईयर में सोलर एनर्जी सेक्टर में टोटल $3.8 बिलियन का फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) किया है।

यह जानकारी न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी एंड केमिकल एंड फ़र्टिलाइज़र स्टेट मिनिस्टर भगवंत खुबा ने ETEnergyWorld के सोलर एनर्जी समिट 2024 के तीसरे एडिशन के दौरान एक वीडियो संदेश में शेयर किया है। उन्होंने इस बात पर हाईलाइट किया है कि सोलर पावर प्लांट की एस्टेबिलिशमेंट में डोमेस्टिक और फॉरेन दोनों इन्वेस्टर कंट्रीब्यूशन दे रहे हैं। FDI में यह इनक्रीस इन्वेस्टर का भारत के सोलर एनर्जी सेक्टर में कॉन्फिडेंस का सिंबल है।

खुबा ने बताया कि सोलर पावर प्रोजेक्ट इन्क्लूडिंग रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को सेट करके आटोमेटिक रूट के माध्यम से 100% तक फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट का बेनिफिट मिल सकता है। यह मूव भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के डेवलपमेंट और ग्रोथ को एनकरेज करने का एम रखता है।

भारत के सोलर एनर्जी सेक्टर के बढ़ते ट्रेंड की फ्यूचर पॉसिबिलिटी

भारत के बढ़ते सोलर सेक्टर को मिलेगा $3.8 बिलियन की फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, पूरी डिटेल जानिए
Source: Mercom India

खुबा ने इस बात पर जोर दिया कि यह देश में रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री के लिए एक एक्ससिटिंग समय है, क्योंकि यह एक मेजर रेवोलुशन के वर्ज पर है। भारत सरकार ने सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कि 30 जून 2025 तक चालू होने वाली रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए ISTS फी माफ करना। इसके अलावा, 2030 तक रिन्यूएबल परचेस ऑब्लिगेशन के लिए एक ट्राजेक्टोरी अनाउंस किया गया है, और अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क एस्टेबिलिश किए गए हैं ताकि रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपर्स को लैंड और ट्रांसमिशन प्रदान किया जा सके।

मंत्री ने PM-KUSUM सोलर रूफटॉप फेज-II, 12,000 MW CPSU स्कीम फेज-IIऔर हाई एफिशिएंसी वाले सोलर PV मॉडलों के लिए प्रोडक्शन-बेस्ड इंसेंटिव स्कीम सहित कई इम्पोर्टेन्ट स्कीम्स के लॉन्च पर भी हाईलाइट किया है। इन इन्सेन्टिव्स ने भारत की इन्सटाल्ड सोलर पावर जेनेरशन कैपेसिटी में सिग्नीफिकेंट ग्रोथ में कंट्रीब्यूशन दिया है, जो 2014 में 2.8 GW से बढ़कर वर्तमान में 73 GW से इनक्रीस हो गई है।

खुबा ने आगे मेंशन किया कि पिछले दो फाइनेंसियल ईयर में, भारत ने लगातार 12 GW से ज्यादा सोलर पावर जेनेरशन कैपेसिटी ऐड करी है। यह ग्रोथ मोमेंटम करंट ईयर प्लान में भी जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हाई एफिशिएंसी वाले सोलर PV मॉडलों के लिए प्रोडक्शन-बेस्ड इंसेंटिव स्कीम के अंडर, भारत में पूरी तरह से या पार्शियल रूप से इंटीग्रेटेड सोलर PV मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी के 48 गीगावाट को सेटअप करने के लिए लेटर ऑफ अवार्ड पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन कैपेसिटी को अक्टूबर 2024 और अप्रैल 2026 के बीच कमीशन करने का कार्यक्रम है, जिसमें चार कंपनियां पहले ही इस प्लान के अंडर पार्शियल प्रोडक्शन शुरू कर चुकी हैं।

यह आर्टिकल भारत में सोलर एनर्जी सेक्टर में हो रहे अनप्रेसिडेंटेड डेवलपमेंट और फॉरेन इन्वेस्टमेंट के बढ़ते ट्रेंड पर हाईलाइट डालता है। सोलर एनर्जी के बढ़ते इस्तेमाल से न केवल भारत को क्लीन एनर्जी प्राप्त होगी बल्कि क्लाइमेट चेंज से लड़ने में भी मदद मिलेगी।

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