1 HP Solar Pump पंप लगाने के लाभ और कीमत
सोलर वाटर पंप किसानों के लिए आवश्यक इक्विपमेंट बन गए हैं जिससे उन्हें उच्च बिजली बिलों से बचने और अपनी फसलों की एफ्फिसिएस्टली सिंचाई करने में मदद मिलती है। सोलर वाटर पंप ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से फायदेमंद हैं जहाँ बिजली की आपूर्ति असंगत है। 1 HP सोलर वाटर पंप के साथ किसान सीधे सूर्य के प्रकाश से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग करके अपने खेतों की सिंचाई आसानी से कर सकते हैं।
इससे फॉसिल फ्यूल पर भी उनकी निर्भरता कम हो जाती है और पर्यावरण को साफ़ और प्रदूषण मुक्त बनाने में योगदान मिलता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे एक 1 HP सोलर वाटर पंप लगाने में कितना खर्चा आता है। 1 HP सोलर वाटर पंप दिन के उजाले में सोलर एनर्जी का उपयोग करके सिंचाई के लिए एफ्फिसिएस्टली पानी खींच सकता है। यह ग्रिड बिजली की अवेलेबिलिटी के बिना फसलों के लिए निरंतर पानी की सप्लाई बनाए रखने में मदद करता है।
1 HP सोलर वाटर पंप लगाने में कितना खर्चा आता है जानिए
1 HP सोलर वाटर पंप की स्थापना लागत कई फैक्टर जैसे VFD ड्राइव की क्वालिटी, वाटर पंप और उपयोग किए जाने वाले सोलर पैनल के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। 1 kW क्षमता वाले सोलर पैनल की कीमत आमतौर पर लगभग ₹30,000 होती है। एक अच्छी क्वालिटी वाले 1 HP सोलर वाटर पंप की कीमत ब्रांड और क्वालिटी के आधार पर ₹7,000 से ₹8,000 के बीच होती है।
इसके बाद इसमें VFD की कीमत ₹8,000 से ₹9,000 तक होती है। यह ड्राइव सोलर पंप को कई फ्रीक्वेंसी पर ऑपरेट करने में मदद करती है जिससे एनर्जी का उपयोग बेहतर होता है। इन कीमतों को जोड़ने पर, 1 HP सोलर वाटर पंप लगाने का टोटल खर्च लगभग ₹45,000 से ₹47,000 तक आता है।
पीएम-कुसुम योजना के माध्यम से सरकारी सब्सिडी
सोलर वाटर पंप के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई सब्सिडी योजनाएँ प्रदान करती है, इसमें पीएम-कुसुम (किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना। इस योजना के तहत किसान सोलर पंप लगाने की लागत पर 60% तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
कुसुम योजना के लिए आवेदन करने के लिए ये स्टेप्स को फॉलो करें
सबसे पहले अपने नज़दीकी कृषि या ऊर्जा विभाग कार्यालय में जाएँ। इसके बाद ऑनलाइन एप्लीकेशन फ़ॉर्म भरें जो राज्य सरकार की वेबसाइट पर पाया जा सकता है। फिर अपना आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण और बैंक पासबुक जैसे आवश्यक डॉक्यूमेंट जमा करें। इसके बाद एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंट के वेरफिसिअशन के बाद, सब्सिडी को मंजूरी दी जाती है और सौर पंप प्रणाली की इंस्टालेशन और वेरफिसिअशन के बाद डिस्बर्स किया जाता है। सब्सिडी की राशि राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।
सोलर वाटर पंपों के लाभ जानिए
एक बार इंस्टॉल होने के बाद सोलर वाटर पंपों पर ईंधन या बिजली के लिए कोई रिकरिंग कॉस्ट नहीं आती है जिससे एनर्जी बिलों में काफी बचत होती है। सोलर पंप रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करते हैं जिससे कार्बन एमिशन और फॉसिल फ्यूल निर्भरता कम होती है। ये रिलाएबल बिजली की सप्लाई वाले एरिया में विशेष रूप से उपयोगी सोलर पंप ग्रिड बिजली पर निर्भरता के बिना निरंतर सिंचाई सुनिश्चित करते हैं।
शुरुआती लागत काफी ज़्यादा है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ और बचत सोलर पंप को किसानों के लिए एक समझदारी भरा निवेश बनाती है। नई पीएम-कुसुम योजना और अन्य सब्सिडी कार्यक्रम इनिशियल फाइनेंसियल बर्डन को कम करते हैं जिससे किसानों के लिए सोलर पंप ज़्यादा सुलभ हो जाते हैं।
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