बाइफेशियल सोलर पैनल कैसे इंस्टॉल किए जाते है
सोलर एनर्जी के माध्यम से इलेक्ट्रिकल एनर्जी प्राप्त करने के लिए सोलर पैनलों का उपयोग किया जाता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे बाइफेशियल सोलर पैनलों के बारे में। यह सोलर पैनल सोलर इक्विपमेंट टेक्नोलॉजी की दुनिया में सबसे हाई-टेक और एडवांस्ड सोलर पैनल होते हैं जो अपनी शानदार एफिशिएंसी और शानदार परफॉरमेंस के लिए जाने जाते हैं। इन्हें पूरी दुनिया में उपयोग में लिया जाता है इनकी हाई क्वालिटी और एफिशिएंसी की वजह से। इन्हें कहीं भी इंस्टॉल किया जा सकता है और यह किसी भी डायरेक्शन में लगाए जा सकते हैं।
वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल
![बाइफेशियल सोलर पैनल क्या होते हैं और उन्हें कैसे इंस्टॉल किया जाता है, जानिए](http://solarwords.com/wp-content/uploads/2024/02/Bifacial-solar-panel.jpg)
बाइफेशियल सोलर पैनल मॉडर्न सोलर पैनल होते हैं जो न केवल सीधे सनलाइट से बल्कि रेफ्लेक्टेड प्रकाश से भी बिजली जनरेट कर सकते हैं। ये सोलर पैनल सामने की तरफ से मिलने वाली सीधी धूप से बिजली पैदा करते हैं, जबकि पीछे की तरफ अल्बेडो लाइट से भी बिजली पैदा करने में सक्षम होते है। ये अन्य सोलर पैनलों की तुलना में 15% ज्यादा बिजली जनरेशन करने में सक्षम हैं। इन्हें घरों की दीवारों पर भी लगाया जा सकता है जिससे दोनों तरफ से बिजली पैदा की जा सकती है।
डच रेसेअर्चेर की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोनोफेशियल और बाइफेशियल मॉड्यूल के बीच एनर्जी रेटिंग कपरिसों को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए वे 20-डिग्री मॉड्यूल टिल्ट एंगल का उपयोग करते हैं। क्योंकि मोनोफेशियल स्टैण्डर्ड 20 डिग्री तक सभी क्लाइमेट के लिए एंगल को एडजस्ट करता है। हलाकि क्लाइमेट के लिए ऑप्टीमल टिल्ट अलग-अलग हो सकता है, पूर्व-पश्चिम और वर्टीकल इंस्टालेशन, साथ ही ट्रैकर्स वाले सिस्टम पर विचार नहीं किया गया था। रेसेअर्चेर ने कहा कि उन्होंने मोनोफेशियल पैनलों के लिए कैलकुलेशन एल्गोरिदम के लिए एंगल लॉस को सही रखा। कन्वेंशनल सोलर पैनल कंस्यूमर के स्थान के लाटिटूड के आधार पर इंस्टॉल किए जाते हैं।
जानिए वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल बिजली कैसे उत्पन्न करते हैं
वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल दोनों तरफ से सोलर एनर्जी को अब्सॉर्ब करके काम करते हैं। ये पैनल न केवल डायरेक्ट बल्कि रेफ्लेक्टेड लाइट से भी सनलाइट को कैच के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जब सूरज की रोशनी पैनलों पर पड़ती है तो उनमें लगे सोलर सेल में एक प्रोसेस शुरू होता है जहां सिलिकॉन सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करता है।
इस इलेक्ट्रिकल एनर्जी को सोत्रे करने के लिए सोलर सिस्टम में सोलर बैटरियों का उपयोग किया जाता है। सोलर पैनल में पी-टाइप और एन-टाइप सेमीकंडक्टर होते हैं जो एनर्जी प्रोडक्शन में हेल्प करते हैं और इनपुट और आउटपुट टर्मिनल बनाने के लिए पैनल बसबारों के माध्यम से कनेक्टेड हुए हैं।
वर्टिकली बिफरसातेड सोलर पैनलों से दो प्रकार से एनर्जी प्राप्त की जा सकती है। ये सामने की ओर से सीधे सूर्य से सोलर एनर्जी कैप्चर करते हैं और पीछे की सरफेस पर कनवर्टेड सोलर एनर्जी को भी अब्सॉर्ब करते हैं जिसे अल्बेडो लाइट से जाना जाता है। बाइफेशियल वर्टिकल पैनलों के लाभों में प्रति वर्ष ज्यादा सोलर एनर्जी हार्वेस्ट करने और बिजली बिल को कम करने की उनकी कैपेसिटी शामिल है।
यह हैं वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल के लाभ
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वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल ज्यादा बिजली जनरेट कर सकते हैं क्योंकि ये दोनों तरफ से बिजली का प्रोडक्शन कर सकते हैं। ये पैनल आमतौर पर बिल्डिंग की दीवारों पर या लिमिटेड स्पेस पर इंस्टॉल किए जा सकते हैं जिससे जगह की बचत होती है। इन पैनलों के साथ सोलर एनर्जी का उपयोग वायु प्रदूषण को कम करता है और एटमोस्फियरिक गैसों के एफेक्ट को कम करता है और कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है।
वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल हीट से कम एफेक्ट होते हैं जिससे यह ज्यादा बिजली का प्रोडक्शन कर सकते हैं। यह एनवायर्नमेंटल टेम्प्रेचर के पास काम करते हैं, जबकि अन्य सोलर पैनल तापमान में प्रति डिग्री सेल्सियस इनक्रीस से 0.3-0.4% की एफिशिएंसी लूज़ करते हैं। इन पैनलों को इंस्टॉल करने से रेजिडेंशियल और कमर्शियल उपयोग के लिए बिजली का खर्च कम हो जाता है। ये पैनल अन्य सोलर पैनलों की तुलना में सालाना 2.5% ज्यादा बिजली का प्रोडक्शन कर सकते हैं। इन सोलर पैनलों का उपयोग कृषि क्षेत्र में भी किया जा सकता है।
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