बैटरी के टाइप जानिए
इन दिनों देश के कई हिस्सों में सोलर पैनलों का उपयोग किया जा रहा है। सरकार भी इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए नई योजना लेकर आयी है जिसके लिए नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसी उद्देश्य से सरकार ने हाल ही में पीएम सोलर होम योजना नाम से एक नई योजना शुरू करी है। इस योजना के तहत, मिडिल क्लास और गरीब लोगों के साथ-साथ अमीर व्यक्ति भी अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगा सकते हैं जिसके लिए सरकार सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
सोलर पैनलों के साथ साथ बैटरी का भी उपयोग किया जाता है जो पैनलों के द्वारा जनरेट की गयी बिजली को स्टोर करने का काम करती हैं। इसके लिए एक इन्वर्टर की भी ज़रुरत होती है जो बैटरी में स्टोर की गयी DC पावर को AC में कन्वर्ट कर सकते हैं जिसके माध्यम से आप अपने घर के एप्लायंस चला सकते हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे बैटरी के बारे में और कितनी तरह की बैटरी होती हैं उनके बारे में बात करेंगे।
इन्वर्टर और बैटरी का उपयोग
अगर कोई इन्वर्टर लगाता है तो आमतौर पर इसका इस्तेमाल सभी लोग अपने घरों में करते हैं। किसी भी प्रकार के इन्वर्टर का उद्देश्य डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिंग करंट में बदलना है। जब इसमें बैटरी जोड़ी जाती है तो यह एनर्जी स्टोरेज का काम करती है। यह स्टोर की गयी एनर्जी पावर कट के दौरान इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट को चलाने में मदद करती है।
एक इन्वर्टर बैटरी दो प्रकार की होती हैं – लिथियम इन्वर्टर बैटरी और लेड-एसिड इन्वर्टर बैटरी। यह देखा गया है कि लिथियम इन्वर्टर बैटरियाँ लेड-एसिड इन्वर्टर बैटरियों की तुलना में बहुत ज्यादा महंगी होती हैं। लिथियम आयरन बैटरी टेक्नोलॉजी को NET टेक्नोलॉजी से डेवेलप किया गया है जिससे यह साइज में काफी कॉम्पैक्ट और छोटी हो गई है। इस टाइप की बैटरी अपने लंबे समय तक चलने वाले परफॉरमेंस के लिए जानी जाती है।
एक बैटरी कितनी तरह की होती है जानिए
- फ्लैट प्लेट बैटरी
- जेल बैटरी
- ट्यूबलर बैटरी
- सोलर बैटरी
लीड एसिड इन्वर्टर बैटरी
इस टाइप की बैटरी का कंस्ट्रक्शन पुराने समय से ही किया जाता रहा है। इसका साइज बड़ा होता है और यह काफी भारी होती है। यह एक रिचार्जेबल बैटरी होती है और लेड के साथ इलेक्ट्रोलाइट के रूप में सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) का उपयोग करती है। यह एक गैल्वेनिक सेल के रूप में काम करती है। लेड-एसिड बैटरी को पूरी तरह चार्ज होने में लगभग 14 से 16 घंटे का समय लगता है। कंपनियां आमतौर पर इन बैटरियों पर लगभग 5 से 6 साल की वारंटी भी देती हैं।
लिथियम आयन बैटरी
यह मॉडर्न समय की एडवांस्ड बैटरी है जिसकी विशेषता इसका छोटा साइज और कम वजन है। यह अन्य प्रकार की बैटरियों की तुलना में काफी लॉन्ग लाइफसाइकिल ऑफर करती है। आजकल इलेक्ट्रिक वाहनों में इसका उपयोग किया जाता है। अब इसे डोमेस्टिक उपयोग के लिए भी लगाया जा रहा है। लिथियम इन्वर्टर बैटरी को ज्यादा मेंटेनेंस की नीड नहीं होती है। उनके पास पावर स्टोरेज की बढ़ी हुई कैपेसिटी होती है और बाकी बैटरियों की तुलना में महंगी भी होती हैं। बाजार में एक 150Ah की लिथियम बैटरी की कीमत लगभग ₹35,000 से शुरू होती है।
डोमेस्टिक उपयोग के लिए बैटरी
अगर आप घर पर इन्वर्टर का उपयोग करते हैं तो इन्वर्टर के टाइप के आधार पर बैटरी चुन सकते हैं। इन्वर्टर बैटरी के टाइप में लिथियम बैटरी सबसे एडवांस्ड बैटरी हैं जिसे आपको चुनना चाहिए। वे कई बेनिफिट भी ऑफर करती हैं और इनकी कीमत बाकी बटेरियो की तुलना में काफी मेहेंगी होती हैं। वहीँ अगर आप सोलर प्लांट के लिए बैटरी का उपयोग करना चाहते हैं तो आपको सोलर ट्यूबलर बैटरी का ऑप्शन चुनना चाहिए। वे लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में सस्ती होती हैं और अच्छी लाइफ भी ऑफर करती हैं।
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