ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉल करके पाएं 25 सालों तक मुफ्त बिजली
बिना पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए और शानदार परफॉरमेंस के लिए कई प्रयासों का उपयोग किया जा रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग इनमे से सबसे बेस्ट है जिसे हम बिना पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए अपनी बिजली की नीड्स को पूरा कर सकते हैं। सोलर पैनल इनमे सबसे बड़ा रोल प्ले करते हैं। सोलर पैनलों का उपयोग सोलर एनर्जी को बिजली में कन्वर्ट करने के लिए किया जाता है जिससे आपको कई लाभ मिलते हैं और बिजली बिल कम करने की क्षमता मिलती है।
सोलर सिस्टम कई तरीकों से इंस्टॉल किया जा सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कैसे आप भी एक बिना बैटरी वाला ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर सकते हैं और 25 सालों तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं।
सोलर सिस्टम लगाने से पहले घर में बिजली के लोड की कैलकुलेशन की जाती है। बिजली का लोड ग्रिड इलेक्ट्रिसिटी बिल और बिजली मीटर के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है। लोड की जानकारी प्राप्त करने के बाद सोलर सिस्टम के लिए सोलर पैनल की प्रॉपर कैपेसिटी का सिलेक्शन किया जा सकता है। एक बार सोलर पैनल सही पोजीशन और एंगल में इंस्टॉल हो जाने पर सोलर पैनल की कैपेसिटी के अनुसार बिजली जनरेट की जा सकती है। सोलर सिस्टम अपने ईको-फ्रेंडली ऑपरेशन के लिए जाने जाती हैं जिनके माध्यम से कई सालों तक मुफ्त बिजली का लाभ लिया जा सकता है।
बिना बैटरी के सोलर सिस्टम ऐसे काम करते हैं
एक सोलर सिस्टम तीन मुख्य टाइप में इंस्टॉल किया जाता है – ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड। ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरियों का उपयोग किया जाता है। हाइब्रिड सोलर सिस्टम में ग्रिड और बैटरी दोनों का यूज़ किया जाता है। सोलर पैनलों द्वारा डायरेक्ट करंट में बिजली जनररेट की जाती है जिसे बैटरी में स्टोर किया जा सकता है। सोलर पैनल अनइवन इलेक्ट्रिसिटी प्रोडूस करते हैं इसलिए इस बिजली को रेगुलेट करने के लिए एक सोलर चार्ज कंट्रोलर का उपयोग किया जाता है।
सोलर पैनल से जनरेट की गयी बिजली को DC से AC में कन्वर्ट करने के लिए सोलर इन्वर्टर का उपयोग किया जाता है। सोलर इन्वर्टर और सोलर पैनल के बीच एक सोलर चार्ज कंट्रोलर इंस्टॉल किया जाता है। सोलर सिस्टम को बिना बैटरी के दो तरीकों से सेटअप किया जा सकता है जो ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम और ट्रांसफार्मरलेस इनवर्टर कहलाता हैं।
जानिए ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम एक प्रकार का सोलर सिस्टम है जो बिना बैटरी के इंस्टॉल किया जाता है। इस सिस्टम में, सोलर पैनलों द्वारा जनरेट की गयी बिजली को सीधे पावर ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है और उत्पादित किसी भी एक्स्ट्रा बिजली को ग्रिड में वापस डाला जा सकता है। सोलर सिस्टम और ग्रिड के बीच शेयर की गई बिजली को मापने के लिए ऐसे सिस्टम्स में नेट मीटरिंग का उपयोग किया जाता है।
सरकार ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए सब्सिडी प्रोवाइड करती है, जिससे उन्हें कम कॉस्ट पर सेटअप करने की अनुमति मिलती है। अगर ग्रिड में पावर फेलियर हो जाता है तो आप किसी भी उपकरण का उपयोग नहीं कर सकता है। ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम बिजली के बिल को कम करने में मदद कर सकती हैं, और अगर एक्स्ट्रा बिजली प्रोडक्शन होता है तो आप इसे अपनी बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को वापस बेच सकते हैं।
ट्रांसफार्मर लेस इनवर्टर सोलर सिस्टम
ट्रांसफार्मर लेस इन्वर्टर वाला सोलर सिस्टम एक ऐसा सिस्टम को संदर्भित करता है जहां सोलर पैनलों से अल्टेरनेटिंग करेंट में डायरेक्ट करेंट के कन्वर्शन में कोई ट्रांसफार्मर शामिल नहीं होता है। आजकल घरों में ऐसे इनवर्टर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन ट्रांसफार्मर रहित इनवर्टर इस कार्य के लिए कम्प्यूटरीकृत मुलती-स्टेप प्रोसेस और इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट का उपयोग करते हैं। ट्रांसफार्मर रहित इनवर्टर का उपयोग ट्रेडिशनल ट्रांसफार्मर से एसोसिएटेड चैलेंज का समाधान कर सकता है।
सौर मंडल में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सौर पैनलों द्वारा बिजली उत्पन्न की जाती है, लेकिन सौर मंडल लगातार एक ही स्तर पर बिजली का उत्पादन नहीं करते हैं। यदि बिजली का सीधे उपयोग किया जाता है तो बिजली उत्पादन में यह उतार-चढ़ाव संभावित रूप से घरेलू उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, भारी भार का संचालन करते समय इनवर्टर ठीक से काम नहीं कर सकते हैं। इसलिए, सिस्टम की सुरक्षा को विनियमित करने और सुनिश्चित करने के लिए सौर प्रणालियों में एक सौर चार्ज नियंत्रक का उपयोग किया जाता है। ट्रांसफार्मर रहित इनवर्टर के उपयोग से पारंपरिक ट्रांसफार्मर की आवश्यकता समाप्त हो सकती है।
जानिए कोनसा सोलर सिस्टम होगा बेस्ट आपके लिए
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम उन जगहों के लिए बेस्ट माना जाता है जहां पावर कट मिनिमम होता है क्योंकि इस सिस्टम में आप ग्रिड बिजली का उपयोग करता है। इसके अलावा, ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी उन्हें और और भी ज्यादा किफायती बना सकती है। ऐसे सिस्टम आपको बिजली बिल बचाने में मदद करते हैं।
सोलर सिस्टम में इन्वेस्ट करना एक अच्छा इन्वेस्टमेंट माना जाता है क्यूंकि ऐसे सिस्टम 25 सालों से ज्यादा समय तक सोलर पैनलों से जनरेट की गयी बिजली प्रदान कर सकते हैं। बाजार में हाई कैपेसिटी वाले मॉडर्न सोलर इक्विपमेंट के कई ब्रांड उपलब्ध हैं जिन्हें कंस्यूमर अपने सोलर सिस्टम में शामिल कर सकते हैं।
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