अपने ऑफिस और दूकान के लिए सबसे बेस्ट सोलर पैनल सिस्टम इंस्टॉल करें सब्सिडी के साथ
आज कई लोग अपने बिजली के बिल को कम करने और फॉसिल फ्यूल पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सोलर सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं। सोलर सिस्टम लगाकर आप काफी पैसे बचा सकते हैं और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने में अपना कंट्रीब्यूशन दे सकते हैं।
सोलर एनर्जी प्रोडक्शन पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है और प्रदूषण भी नहीं करता है जिससे यह सस्टेनेबल लिविंग के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है। सोलर सिस्टम का सबसे इम्पोर्टेन्ट कॉम्पोनेन्ट सोलर पैनल है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे आप अपने ऑफिस और दूकान के लिए सबसे बेस्ट सोलर पैनल लगा सकते हैं। आइए विस्तार से जानें इसके बारे में।
सोलर सिस्टम के बारे में जानें
एक सोलर सिस्टम में पर सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर, सोलर बैटरी और सोलर चार्ज कंट्रोलर जैसे कॉम्पोनेन्ट शामिल हैं। एक बार इंस्टॉल हो जाने पर यह सिस्टम सनलाइट को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल सकता है जिसका उपयोग आपके घर, ऑफिस या दुकान में इक्विपमेंट को चलाने के लिए किया जा सकता है। अपने सोलर पैनल की सही कैपेसिटी सेट करने के लिए आपको अपना टोटल एक्सपेंस लोड जानना होगा।
सोलर सिस्टम के कॉम्पोनेन्ट
सोलर पैनल
सोलर पैनल सोलर सेल से बने होते हैं जो छोटे सिलिकॉन सेल होते हैं जिन्हें PV सेल (फोटोवोल्टिक सेल) के नाम से जाना जाता है। ये सेल फोटोवोल्टिक इफ़ेक्ट के माध्यम से सनलाइट को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करते हैं। सूर्य के प्रकाश के कांटेक्ट में आने पर सेल में इलेक्ट्रॉन रिलीज़ करते हैं जिससे इलेक्ट्रिक करंट जनरेट होता है। सोलर पैनल डायरेक्ट करंट में बिजली जनरेट करते हैं और दो टाइप में उपलब्ध होते हैं – पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन।
सोलर चार्ज कंट्रोलर
सोलर चार्ज कंट्रोलर सोलर पैनल से आने वाले करंट को कण्ट्रोल करना है। यह दो टाइप में अवेलेबल हैं – PWM (पल्स विड्थ मॉड्यूलेशन) जो सोलर पैनल से करंट को कंट्रोल करता है। और MPPT (मैक्सिमम पावर पॉइंट ट्रैकिंग) करंट और वोल्टेज दोनों को कंट्रोल करता है और यह यह PWM कंट्रोलर की तुलना में ज्यादा एफिसिएंट और महंगा हो जाता है।
सोलर इन्वर्टर
सोलर इन्वर्टर में एक इनबिल्ट सोलर चार्ज कंट्रोलर होता है और यह टेक्नोलॉजी के आधार पर दो प्रकारों में आता है – PWM और MPPT। इन्वर्टर सोलर पैनल से डायरेक्ट करंट बिजली को अल्टरनेटिंग करंट में बदलता है और इसका उपयोग ज़्यादातर घरेलू उपकरणों को पावर देने के लिए किया जाता है।
सोलर बैटरी
सोलर बैटरी सोलर पैनल द्वारा जनरेट की गई बिजली को डायरेक्ट करंट के फॉर्म में स्टोर करती है जिसका इस्तेमाल पावर बैकअप के लिए किया जाता है। अपनी ज़रूरतों के हिसाब से आप एक उपयुक्त बैटरी रेटिंग चुन सकते हैं जो C10 और C20 रेटिंग में अवेलेबल है।
ऑफिस और दुकान के लिए सोलर पैनल लगाने की कॉस्ट
सोलर पैनल लगाने की कॉस्ट कई फैक्टर पर निर्भर करती है।
बड़े सिस्टम के लिए सोलर पैनल की कीमत ज़्यादा हो सकती है। हाई एफिशिएंसी वाले पैनल ज़्यादा बिजली पैदा कर सकते हैं जिससे उनकी कीमत एफेक्ट होती है।सोलर पैनल का मैन्युफैक्चरर भी कीमत को अफेक्ट कर सकता है। सिस्टम की कीमतें पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और बाइफेसियल सोलर पैनल के बीच अलग-अलग होती हैं।
जिस जगह से आप सोलर पैनल खरीदते हैं वह भी कीमत को एफेक्ट कर सकता है। आज के समय में सोलर पैनल की कीमत ₹200 से ₹300 प्रति वाट तक होती है। ज्यादा वाट कैपेसिटी वाले पैनल खरीदने से अक्सर प्रति वाट कॉस्ट कम होती है।