भारत का सबसे सस्ता 3kW सोलर अब हुआ और भी सस्ता, जानिए सब्सिडी के बाद की कीमत

विक्रम 3kW सोलर सिस्टम

सोलर पैनल लगाना आज के समय को देखते हुए एक बढ़िया विचार हो सकता है बढ़ती बिजली की मांग और उसपर आने वाले बिलों को देखते हुए। आज हर घर का व्यक्ति परेशान है भारी बिजली के बिलों से और राहत पाने के लिए सोलर पैनल इंस्टॉल कर रहा है। बाजार में आपको सोलर पैनल बनाने वाली कई कंपनियां मिल जाएँगी जिनके सोलर प्रोडक्ट आप खरीद सकते। इन्ही में एक बड़ा नाम विक्रम सोलर है जो भारत की लीडिंग सोलर इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर में से एक है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे विक्रम सोलर के 3kW कैपेसिटी के सोलर सिस्टम के लिए आपको कितना खर्चा आएगा और उसके लिए आपको कितनी सब्सिडी मिलेगी।

सोलर पैनल की कीमत

जानिए विक्रम सोलर के 3kW सोलर सिस्टम की पूरी इंस्टालेशन कॉस्ट और सब्सिडी
Source: Solar Power World

अगर आपके घर का डेली पावर कंसम्पशन 15 यूनिट तक है तो एक 3kW कैपेसिटी का सोलर सिस्टम लगाने आपके लिए एक सही डिसिशन हो सकता है। एक 3KW कैपेसिटी का सोलर सिस्टम अच्छी धुप में आसानी से 15 यूनिट बिजली जनरेट कर सकता है। इस सोलर सिस्टम के लिए आपको 335 वाट के सोलर पैनलों की ज़रुरत होगी जिनकी कीमत बाजार में ₹8,000 है। आपको इस सोलर सिस्टम में 9 पैनल का उपयोग करना होगा जिससे इनकी कीमत ₹72,000 हो जाती है।

वहीँ अगर आप ज्यादा एफिशिएंसी वाली हाई परफॉरमेंस मोनो PERC सोलर पैनलों का उपयोग करते हैं तो आपको 345 वाट के 9 सोलर पैनल लगाने होंगे। इनकी कीमत ₹9,000 है जिससे 9 पैनलों की कीमत आपको ₹81,000 पड़ेगी 3kW के सोलर सिस्टम के लिए। इसके बाद अगर आप बाइफेसियल सोलर पैनल लगवाते हैं तो आप 375 वाट के 9 बाइफेसियल सोलर पैनल लगवा सकते हैं जिनकी कीमत ₹99,000 पड़ेगी। ये सबसे एडवांस्ड टाइप के सोलर पैनल होते हैं और सबसे ज्यादा एफिशिएंसी ऑफर करते हैं।

सोलर सिस्टम के टाइप

सोलर सिस्टम के टाइप के अनुसार उसमे लगने वाली इक्विपमेंट अलग अलग हो सकते हैं। एक सोलर सिस्टम कई तरीको का होता है – ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड जिन्हे आप अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बना सकते हैं। एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनलों के अलावा इन्वर्टर का उपयोग होता है और कोई बैटरी का उपयोग नहीं होता है। वहीँ एक ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी का उपयोग होता है जो पावर कट के दौरान बैकअप ऑफर करती है। वहीँ एक हाइब्रिड सोलर सिस्टम ऑन और ऑफ दोनों टाइप से चलता है जिससे आप ग्रिड से कनेक्टेड रहते हुए भी पावर बैकअप का ऑप्शन लगवा सकते हैं।

आइए जानते हैं सोलर सिस्टम में उपयोग में लिए जाने वाले में कॉम्पोनेन्ट के बारे में

सोलर पैनल

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Source: Union of Concerned Scientists

यह एक डिवाइस है जिससे आप बिजली पैदा कर सकते हैं सूर्य से प्राप्त होने वाली लाइट को ट्रैप करके। इन पैनलों में सोलर सेल लगे होते हैं जो सनलाइट को इलेक्ट्रिसिटी में कन्वर्ट करते हैं।

सोलर चार्ज कन्ट्रोलर

सोलर पैनल द्वारा बनाई जाने वाली बिजली DC पावर के रूप में बनाई जाती है जिसका आप कोई ख़ास प्रयोग नहीं कर सकते। इसके लिए एक सोलर चार्ज कंट्रोलर की ज़रुरत होती है जो पैनलों से पैदा होने वाली बिजली के कर्रेंट को कंट्रोल करते हैं। यह सोलर चार्ज कंट्रोलर PWM (पल्स विड्थ मॉडुलेशन) और MPPT (मैक्सिमम पावर पॉइंट ट्रैकिंग) टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होते हैं।

सोलर इंवर्टर

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Source: Havells India

सोलर पैनल द्वारा प्राप्त होने वाली बिजली जो DC पावर के रूप में जनरेट होती है और उस बिजली को AC में कन्वर्ट करने का काम सोलर इंवर्टर का होता है। एक सोलर इन्वर्टर पैनलों से पैड होने वाले डायरेक्ट करंट को अल्टेरनेटिंग करंट में कन्वर्ट करते हैं जिससे आप घर के एप्लायंस को आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं।

नेट-मीटर

एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा बनने वाली बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। ऐसे सिस्टम में ग्रिड के अनुसार ही बिजली का उपयोग किया जाता है। इस सिस्टम में शेयर की जाने वाली बिजली की कैलकुलेशन करने के लिए नेट-मिटरिंग की जाती है। ऐसे सोलर सिस्टम के द्वारा सभी प्रकार के एप्लायंस को चलाया जा सकता है और एक ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम से बिजली बिल को कम किया जा सकता है।

सोलर बैटरी

सोलर बैटरी का प्रयोग ऑफग्रिड सोलर सिस्टम और हाइब्रिड सोलर सिस्टम में किया जाता है। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए सोलर बैटरी की नीड होती है। सोलर बैटरी में स्टोर की जाने वाली बिजली को आप अपनी जरूरत के अनुसार उपयोग कर सकते हैं। बाजार में दो टाइप की सोलर बैटरी मिलेगी – लेड-एसिड बैटरी और एडवांस लिथियम आयन बैटरी जिन्हें आप अपनी ज़रूरतों के अनुसार चुन सकते हैं।

अन्य इक्विपमेंट

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Source: Magicbricks

एक सोलर सिस्टम में में इक्विपमेंट के अलावा कई अन्य छोटे एवं महत्वपूर्ण इक्विपमेंट का प्रयोग भी किया जाता है। ऐसे उपकरणों का प्रयोग कर सोलर सिस्टम को सेफ्टी प्रोवाइड करने एवं कनेक्शन एस्टेबिलिश करने के लिए किया जाता है। ऐसे उपकरणों में सोलर पैनल स्टैन्ड, ACDB/DCDB बॉक्स, वायर आदि होते हैं।

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