PWM और MPPT सोलर इन्वर्टर
प्रेजेंट टाइम में बाजारों में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से बनाए गए सोलर डिवाइस देखने को मिलते हैं, जो सोलर एनर्जी के प्रॉपर और अधिक यूज़ में मदद करते हैं। सौर प्रणालियों के बाजारों में सोलर चार्ज कंट्रोलर भी देखे जाते हैं। सोलर सिस्टम में सोलर चार्ज कंट्रोलर का मुख्य कार्य पैनलों से प्राप्त बिजली को रेगुलेट करना है। ये कंट्रोलर आम तौर पर दो प्रकार के होते हैं: PWM और MPPT सोलर इनवर्टर।
इस आर्टिकल में हम बात करेंगे PWM और MPPT सोलर इनवर्टर के बारे में कर आपको पूरी जानकारी देंगे। हम आपको दोनों के बारे में डिटेल्ड जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे आप इन दोनों प्रकार के सोलर चार्ज कंट्रोलर के बीच अंतर को समझ सकेंगे। यह एक ऐसा डिवाइस है जो नार्मल इन्वर्टर को भी सोलर इन्वर्टर में बदल सकता है। इसके आधार पर सोलर इनवर्टर में भी अंतर किया जाता है।
PWM सोलर इन्वर्टर
PWM का पूरा नाम पल्स विड्थ मॉड्यूलेशन है। यह सोलर चार्ज कंट्रोलर में उपयोग की जाने वाली एक ट्रेडिशनल टेक्नोलॉजी है। यह टेक्नोलॉजी एक स्विच का उपयोग करती है जो तेजी से ऑन/ऑफ हो जाता है। इसके कारण, सिस्टम में प्राप्त वोल्टेज को रेटिंग के अनुसार कंट्रोलर किया जाता है। यह डिवाइस सोलर सिस्टम को प्रोटेक्शन प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, अगर बैटरी को 14 वोल्ट की नीड होती है जबकि सोलर पैनल 24 वोल्ट का प्रोडक्शन कर रहा है, तो एक PWM चार्ज कंट्रोलर 14-वोल्ट आउटपुट प्रदान करेगा। PWM सोलर चार्ज कंट्रोलर केवल वोल्टेज को कण्ट्रोल करते हैं और करंट को कण्ट्रोल नहीं करते हैं।
MPPT सोलर इन्वर्टर
MPPT का पूरा नाम मैक्सिमम पावर प्वाइंट ट्रैकिंग है। ये एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाले सोलर चार्ज कंट्रोलर हैं। वे कई आस्पेक्ट में PWM कंट्रोलर से ज्यादा एडवांस्ड हैं। इस प्रकार का सोलर चार्ज कंट्रोलर सोलर पैनल से प्राप्त वोल्टेज और करंट दोनों को कंट्रोलर कर सकता है। इनका उपयोग सोलर सिस्टम में अधिक किया जाता है जहां सोलर पैनल के वोल्टेज में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है।
MPPT टेक्नोलॉजी सोलर चार्ज कंट्रोलर PWM की तुलना में 30% ज्यादा एफ्फिसिएक्ट हैं। जब सोलर पैनलों को ठीक से सनलाइट नहीं मिलती है और वे एफ्फिसेंटली काम नहीं करते हैं, तो ऐसी स्थितियों में ये कंट्रोलर पैनल से अधिक बिजली प्राप्त करते हैं।
PWM और MPPT इन्वर्टर के बीच का डिफरेंस
PWM और MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर के बीच मेन डिफरेंस इस प्रकार हैं:
- एफिशिएंसी: MPPT कंट्रोलर आम तौर पर PWM कंट्रोलर की तुलना में ज्यादा एफ्फिसिएक्ट होते हैं, खासकर उन स्थितियों में जहां सोलर पैनल वोल्टेज में उतार-चढ़ाव होता है या ऑप्टीमल नहीं होता है।
- कण्ट्रोल: MPPT कंट्रोलर सोलर पैनल से प्राप्त वोल्टेज और करंट दोनों को कंट्रोल कर सकते हैं, जबकि PWM कंट्रोलर केवल वोल्टेज को कंट्रोल करते हैं।
- परफॉरमेंस: MPPT कंट्रोलर PWM कंट्रोलर की तुलना में सोलर पैनल से अधिक बिजली निकालने में सक्षम हैं, खासकर कम रोशनी की स्थिति में या जब पैनल का आउटपुट वोल्टेज बैटरी वोल्टेज से मेल नहीं खाता है।
फैक्टर | PWM | MPPT |
एफिशिएंसी | PWM टेक्नोलॉजी के चार्ज कन्ट्रोलर सिर्फ वोल्टेज को ही नियंत्रित करते हैं। ये करंट को नियंत्रित नहीं करते हैं। | ये PWM टेक्नोलॉजी से चार्ज कन्ट्रोलर से अधिक दक्षता वाले होते हैं। वोल्टेज के साथ करंट को भी नियंत्रित करने में सक्षम हैं। |
वोल्टेज कम्पेटिबिलिटी | ये कम इनपुट वोल्टेज को ही नियंत्रित करते हैं। | ये उच्च इनपुट वोल्टेज को नियंत्रित करने के लिए बनाए जाते हैं। |
मौसम के अनुसार | यदि कम रोशनी या उच्च तापमान में खराब हो सकते हैं। | ये मौसम के अनुकूल कार्य करते हैं। कम रोशनी या उच्च तापमान होने पर ये बेहतर प्रदर्शन करते हैं। |
कॉस्ट | PWM सोलर चार्ज कन्ट्रोलर सस्ते होते हैं। | PWM सोलर चार्ज कन्ट्रोलर की तुलना में महंगे होते हैं। |
एप्लीकेशन सूटेबिलिटी | यह छोटे सोलर सिस्टम में प्रयोग किए जाते हैं। | इनका प्रयोग बड़े सोलर सिस्टम में एवं परिवर्तनशील मौसम वाले क्षेत्रों में किया जाता है। |
सेफ्टी | ये कम सुरक्षा प्रदान करते हैं। | PWM की तुलना में बहुत अधिक सुरक्षित हैं। |
यह है सोलर इन्वर्टर बनाने वाले कुछ पॉपुलर ब्रांड
भारत में PWM और MPPT इनवर्टर बनाने वाले ब्रांडों यह हैं
- ल्यूमिनस सोलर इन्वर्टर (NXG 1800 PWM, NXT 1kVA MPPT)
- यूटीएल सोलर इन्वर्टर
- स्मार्टन सोलर इन्वर्टर
- माइक्रोटेक सोलर इन्वर्टर
- ईस्टमैन सोलर इन्वर्टर
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