जुपिटर इंटरनेशनल ओडिशा के खुर्दा जिले में इंस्टॉल करेगा 1.2 गीगावॉट की सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी जो देगी भारत में सोलर सेल एक्सपोर्ट को बढ़ावा
भारत दुनिया के लीडिंग रिन्यूएबल एनर्जी मार्केट में से एक है, खासकर सोलर एनर्जी सेक्टर में। सोलर मॉड्यूल के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है, लेकिन सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग अभी भी पिछड़ा हुआ है। इस इम्बैलेंस को कम करने के लिए, कोलकाता-बेस्ड लीडिंग सोलर सेल और मॉड्यूल मेकर जुपिटर इंटरनेशनल ओडिशा में एक बड़े पैमाने पर सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट सेट अप कर रहा है।
जुपिटर इंटरनेशनल का मेगा सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट:
- जुपिटर इंटरनेशनल ओडिशा के खुर्दा जिले में 1.2 गीगावॉट कैपेसिटी का सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट सेटअप कर रहा है।
- निर्माण कार्य करंट क्वार्टर में शुरू होगा और मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
- यह प्लांट विशेष रूप से टॉपकॉन सोलर सेल को मनुफैक्टर करेगा जो लेटेस्ट और सबसे एफ्फिसिएंट सोलर सेल टेक्नोलॉजी में से एक है।
- जुपिटर इंटरनेशनल के CEO ध्रुव शर्मा के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट लगभग ₹2.5 बिलियन है।
- ओडिशा स्टेट लेवल सिंगल विंडो सलूशन अथॉरिटी (SLSWCA) द्वारा पिछले सप्ताह एप्रूव्ड 27 इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में से यह एक है।
ओडिशा में इंटीग्रेटेड सोलर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट:
- जुपिटर इंटरनेशनल ओडिशा में एम्पिन एनर्जी ट्रांजिशन के साथ जॉइंट वेंचर में 1.3 गीगावॉट कैपेसिटी का इंटीग्रेटेड सोलर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी सेटअप कर रहा है।
- यह प्रोजेक्ट सरकार के प्रोडक्शन से जुड़े इंसेंटिव प्रोग्राम के तहत फंडेड पोषित है और 2024 के अंत तक ऑपरेशनल होने की उम्मीद है।
भारत में सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग का स्टेटस:
- भारत ने सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी में काफी इंक्रीमेंट की है, लेकिन सोलर सेल मनफेक्टरिंग कैपेसिटी अभी भी अपेक्षाकृत कम है।
- अगस्त 2023 में यूनियन एनर्जी और न्यू और रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर आर.के. सिंह ने कहा था कि भारत ने पिछले नौ वर्षों में केवल 6 गीगावॉट प्रति वर्ष की इंडिजेनस सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी इंस्टॉल की है।
- मांग को पूरा करने के लिए भारत को अभी भी सोलर सेल के इम्पोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है।
- भारत ने 2023 में रिकॉर्ड $5 बिलियन के सोलर सेल और मॉड्यूल का इम्पोर्ट किया जो किसी एक साल में सबसे अधिक है।
- पॉजिटिव साइड यह है कि भारतीय सोलर मॉड्यूल का एक्सपोर्ट 2023 में 227% बढ़कर $1.8 बिलियन हो गया है।
जुपिटर इंटरनेशनल जैसी कंपनियों की बड़े पैमाने पर सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट्स भारत को सोलर एनर्जी वैल्यू चैन में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगी। इससे न केवल इम्पोर्ट कॉस्ट कम होगी बल्कि एम्प्लॉयमेंट के नए ओप्पोर्तुनिटीज़ भी पैदा होंगी।
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