अब सोलर पैनल लगाने से होगी ₹12 लाख तक की बचत
सोलर पैनलों का उपयोग आज के समय में साइंस की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा सकता है। सोलर पैनल सनलाइट से प्राप्त सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करने में सक्षम बनाते हैं जिससे सभी होम इलेक्ट्रिकल एप्लायंस को बिजली मिल सकती है। सोलर पैनल पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए बिना बिजली जनरेट करते हैं। इससे वे सस्टेनेबल एनर्जी प्रोडक्शन के लिए सबसे बढ़िया ऑप्शन बन जाते हैं। सोलर पैनलों का उपयोग करके आप अपने बिजली के भारी बिल से राहत पा सकते हैं और हर महीने कई हज़ार रुपये बचा सकते हैं।
अब बचाएँ लाखों रुपये अपनी रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाकर
अपने घर की छत पर सोलर पैनल इंस्टॉल करने से काफी कॉस्ट सेविंग हो सकती है। अगर आपने चार साल पहले 4 किलोवाट कैपेसिटी का सोलर सिस्टम इंस्टॉल किया था तो आप बिजली पर प्रति दिन लगभग 150 रुपये तक बचा सकते थे। क्योंकि 4 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर पैनल प्रति दिन लगभग 20 यूनिट बिजली जनरेट कर सकते हैं। ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉल करना आवश्यक है जहां सोलर पैनलों द्वारा जनरेट की गई बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है, जिसके कारण आप सभी एप्लायंस ग्रिड इलेक्ट्रिसिटी पर चल सकें।
4 किलोवाट के सोलर सिस्टम से आप प्रति माह लगभग 600 यूनिट बिजली पैदा कर सकते हैं। अगर आपके शहर में बिजली की रेट 7 रुपये प्रति यूनिट है तो आप 600 यूनिट बिजली पर अपने बिजली बिल पर लगभग 4,200 रुपये तक बचा सकते हैं। अगर आपने अपने घर पर 5 किलोवाट कैपेसिटी का सोलर सिस्टम लगाया है तो आप मासिक 750 यूनिट बिजली पैदा कर सकते हैं और महीने में 5,250 रुपये तक बचा सकते हैं। एक 5 किलोवाट के सोलर सिस्टम से आप सालाना 63,000 रुपये तक बचा सकते हैं।
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम से हर साल बचाएँ पैसे
बिजली की कॉस्ट बचाने के लिए ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की नीड होती है। ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में बिजली के लिए कोई बैकअप ऑफर नहीं किया जाता है। इसके अलावा सोलर पैनलों द्वारा जनरेट की गई बिजली को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। इसमें नेट मीटरिंग का उपयोग सोलर सिस्टम और ग्रिड के बीच शेयर की गई बिजली की कालकॉलेशन के लिए किया जाता है। 5 किलोवाट कैपेसिटी के ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम को इंस्टॉल करने की कॉस्ट ₹2 लाख से ₹2.50 लाख तक होती है। इस कॉस्ट में सोलर पैनल, सोलर इनवर्टर और नेट मीटरिंग जैसे डिवाइस शामिल हैं।
केंद्र सरकार की नई पीएम कुसुम योजना के जरिए आप ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगाने पर सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत केवल 10 किलोवाट तक की कैपेसिटी वाले सोलर सिस्टम के लिए सब्सिडी ऑफर की जाती है। कंस्यूमर को 1 किलोवाट के लिए 30,000 रुपये प्रति किलोवाट, 2 किलोवाट के लिए 60,000 रुपये प्रति किलोवाट और 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक की कैपेसिटी वाले सोलर सिस्टम के लिए 78,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। सरकारी सब्सिडी का बेनिफिट उठाकर आप कम कीमत पर यह सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं जिससे आप काफी बिजली की बचत कर सकते हैं।
अब होगी ₹12 लाख तक की बचत
सोलर इक्विपमेंट ब्रांड आमतौर पर अपने सोलर पैनलों के लिए 20 से 30 साल तक की परफॉरमेंस वारंटी ऑफर करते हैं। सोलर इनवर्टर आमतौर पर 5 साल की वारंटी पीरियड के साथ आते हैं। इसलिए सोलर सिस्टम में इन्वेस्ट करके आप लंबे समय तक बिजली का बेनिफिट उठा सकता है। 25 साल बाद भी सोलर पैनल लगभग 80% कैपेसिटी के साथ बिजली पोरोदुक्शन करने में सक्षम हैं। इस लॉन्ग-टर्म के साथ आप सोलर पैनलों से 20 वर्षों में लगभग ₹12 लाख तक की बचत कर सकते हैं।
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