अब भारत की कंपनियां करेंगी सोलर पैनल इंडस्ट्री पर राज और चीन की होगी छुट्टी

भारत ने लगाया बैन चीन में बने सोलर पैनलों के इम्पोर्ट पर

अब भारत में बने सोलर पैनल देंगे चीन को टक्कर इस नए कदम से। इससे चीन की डोमिनेंस ख़तम हो जाएगी पूरी दुनिया में सोलर एनर्जी के सेक्टर में। नए इम्पोर्ट रेस्ट्रिक्शन की वजह से भारत सरकार देश में बने सोलर पैनलों पर सब्सिडी प्रोवाइड कर रही है जिससे डोमेस्टिक सोलर मैन्युफैक्चरर को काफी सहारा मिलेगा इस इंडस्ट्री को बढ़ाने में और काम कीमत भारत में बने सोलर पैनलों से देश को आगे पहुंचाने में। इससे देश में सोलर मैन्युफैक्चरर की आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी और इससे चीन पर निर्भरता भी घटेगी। आइए इसके बारे में और जानकारी लेते हैं।

भारत ने लगाया चीन से इम्पोर्टेड सोलर पैनलों पर बैन

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भारत सरकार ने देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक इम्पोर्टेन्ट कदम उठाते हुए सोलर पैनलों के इम्पोर्ट पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। 1 अप्रैल से, भारत में सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए मॉडल और निर्माताओं की एप्रूव्ड लिस्ट (ALMM) में शामिल सप्लायर के पैनल का उपयोग अनिवार्य हो गया है। इस रेवाइसड लिस्ट में अब कोई भी विदेशी निर्माता शामिल नहीं है।

यह नया इनिशिएटिव भारत द्वारा एनर्जी इंडिपेंडेंस और भारत को रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग में एक नए स्तर पर लेजाने के लिए काफी इम्पोर्टेन्ट है। इसका लक्ष्य देश को सोलर एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अलावा, इस प्रतिबंध से भारत में सोलर और उससे संबंधित प्रोडक्ट के इम्पोर्ट में भी कमी आएगी और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

चीन का टोटल एक्सपोर्ट भारतीय सोलर इंडस्ट्री में

अब भारत की कंपनियां करेंगी सोलर पैनल इंडस्ट्री पर राज और चीन की होगी छुट्टी
Source: Mint

पिछले तीन सालों में चीन ने भारत के फोटोवोल्टिक सेल सेक्टर में अपना प्रभाव काफी बढ़ा दिया है जो भारत के टोटल इम्पोर्ट 82% का योगदान देता है। पर इस व्यापार में अब मंदी देखने को मिल सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 तक चीन ने भारत को 2.1 बिलियन डॉलर मूल्य के सोलर पैनल भेजे थे, जिससे यह चीन का टॉप एक्सपोर्टर बन गया था।

यह डेवलपमेंट भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यह देश की एनर्जी इंडिपेंडेंस और आत्मनिर्भरता को कमजोर कर सकता है। इसके अलावा, यह भारत के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है क्योंकि वह अपने घरेलू उत्पादों के लिए प्रतिस्पर्धा करता है। ऐसे में भारत को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ने की जरूरत है ताकि वह अपनी एनर्जी नीड्स को पूरा कर सके और अपने विकास के लिए स्टेबिलिटी बनाए रख सके।

इस इम्पोर्ट बहन से होगा भारतीय कंपनियों को फायदा

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Source: Adani Solar

मॉडलों और निर्माताओं की एप्रूव्ड रेवाइसड लिस्ट में भारतीय कंपनियों को शामिल करने से काफी लाभ मिल सकता है। इनमें अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, टाटा पावर लिमिटेड, ITI लिमिटेड, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड और Inox सोलर लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों को अब अपने सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए एप्रूव्ड मॉड्यूल का उपयोग करने की आवश्यकता होगी चाहे सरकारी सब्सिडी वाली या स्पोंसर्ड प्रोजेक्ट्स हों।

यह उनके लिए अपने प्रोडक्ट की रीच को एक्सपैंड करने और देश में एनर्जी इंडिपेंडेस को बढ़ावा देने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यह कदम भारतीय कंपनियों को एनर्जी सेक्टर में डेवलपमेंट के ज्यादा अवसर प्रदान करेगा जिससे वे अपनी टेक्निकल एक्सपेर्टीस को मजबूत कर सकें।

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