बिना बैटरी वाला 1kW सोलर सिस्टम
इनवर्टर के साथ बैटरी का उपयोग करना कई लोगों के लिए एक आवश्यकता है, जबकि अन्य लोगों के लिए यह सिरदर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनवर्टर के साथ उपयोग करने पर बैटरियों का लाइफसपं लिमिटेड होता है और उन्हें बदलना काफी महंगा हो सकता है। अगर हम सिंगल-बैटरी इन्वर्टर की बात करें तो यह आपको लगभग ₹8,000 से ₹10,000 में मिल सकता है, लेकिन बैटरी की कीमत आपको लगभग ₹13,000 से ₹14,000 तक पड़ेगी। इसके अलावा, आपको तीन से पांच सालों के बाद बैटरी को दोबारा बदलने की नीड पड़ सकती है।
इसीलिए बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर वे ऐसा सिस्टम स्थापित करें जहाँ उन्हें बैटरी की आवश्यकता न हो, तो वह बैटरी बदलने के बार-बार होने वाले खर्च से बच सकते हैं। बाज़ार में आपको कुछ ऐसे इनवर्टर मिल जाएंगे जो बिना बैटरी के भी चल सकते हैं। अगर आपका काम बिना बिजली के चल सकता है तभी आप इन इनवर्टर का उपयोग कर सकते हैं। क्योंकि रात के दौरान आपको सोलर पैनलों से बिजली नहीं मिलेगी और अगर आपके पास बैटरी नहीं है तो पावर आउटेज होने के केस में आपके पास कोई बैकअप पावर नहीं होगी। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे आप बिना बैटरी के 1kW सोलर सिस्टम लगा सकते हैं, और उसका पूरा खर्चा व इंस्टालेशन गाइड।
1kW ग्रिड टाई सोलर इन्वर्टर
बाज़ार में आपको ग्रिड टाई सोलर इनवर्टर बनाने वाली कई कंपनियां मिल जाएंगी। अगर आप 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो आप 1kVA का सोलर इन्वर्टर ले सकते हैं जिसकी कीमत आपको लगभग ₹15,000 पड़ेगी। इस इन्वर्टर की खास बात यह है कि आप इससे बिना किसी बैटरी की जरूरत के सीधे सोलर पैनल कनेक्ट कर सकते हैं। हालाँकि, इस सिस्टम का एक ड्रॉबैक यह है कि अगर आप बैटरी के बिना ऐसे इन्वर्टर का उपयोग करते हैं तो पावर आउटेज के केस में आपके पास कोई बैकअप पावर नहीं होगी और ग्रिड डाउन होने पर आपके सोलर पैनल बिजली जनरेट नहीं करेंगे। आप अपने बिजली के बिल को कम करने के लिए इस प्रकार के सोलर इन्वर्टर का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपको बैटरी बैकअप की आवश्यकता है तो आपको बैटरी के लिए एक अलग इन्वर्टर स्थापित करना होगा।
भारत में 1kW सोलर पैनल की कीमत
सोलर पैनल टेक्नोलॉजी की चॉइस कई फैक्टर पर निर्भर करता है। बाज़ार में आप तीन मेन टाइप के सोलर पैनल टेक्नोलॉजी ले सकते हैं।
- पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल: अगर आपके पास सीमित बजट है तो ये पैनल सुइटेबल हैं। यह सोलर पैनल सस्ते होते हैं और 1-किलोवाट सिस्टम की कॉस्ट लगभग ₹28,000 है।
- मोनो पर्क टेक्नोलॉजी सोलर पैनल: अगर आपको लिमिटेड सनलाइट में या बरसात के दिनों में भी हाई एफिशिएंसी और परफॉरमेंस की आवश्यकता है, तो आप मोनो पर्क टेक्नोलॉजी पैनल का ऑप्शन चुन सकते हैं। ये पैनल थोड़े ज्यादा महंगे हैं 1-किलोवाट सिस्टम के लिए इसकी कीमत लगभग ₹33,000 है।
- बिफेशियल सोलर पैनल: लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और इम्प्रूवड एनर्जी प्रोडक्शन कैपेसिटी के लिए आप बाइफेशियल सोलर पैनल चुन सकते हैं। ये पैनल दोनों तरफ से बिजली पैदा कर सकते हैं और अपनी हाई एफिशिएंसी के लिए जाने जाते हैं। इन्हें अक्सर उन एरिया में पसंद किया जाता है जहां सनलाइट का एक्सपोज़र लिमिटेड है। 1 किलोवाट सिस्टम के लिए बाइफेशियल सोलर पैनलों की कॉस्ट लगभग ₹38,000 है।
टोटल कॉस्ट
बैटरी के बिना 1 किलोवाट सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने की लागत लगभग ₹58,000 है। अगर आप सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसी सरकारी वेंडर के माध्यम से इसे अपने घर पर इंस्टॉल करते हैं तो सिस्टम की लागत लगभग ₹45,000 है।
ग्रिड टाई इन्वर्टर – ₹15,000
1 किलोवाट मोनो सोलर पैनल – ₹33,000
एडिशनल कॉस्ट – ₹10,000
टोटल कॉस्ट – ₹58,000
बिना बैटरी के ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम एक ऐसी सिस्टम है जो उपयोगिता ग्रिड कनेक्शन के बिना भी काम कर सकती है। अगर आपके घर में बिजली कनेक्शन नहीं है तो भी आप ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम का उपयोग करके अपने एप्लायंस चला सकते हैं। अगर आप इसके साथ बैटरी का उपयोग नहीं करते हैं तो आप अपने एप्लायंस को केवल दिन के समय सोलर पैनलों की मदद से चला सकते हैं।
आपके एप्लायंस तभी तक स्मूथली से चलेंगे जब तक सोलर पैनलों द्वारा पर्याप्त बिजली जनरेट होती रहेगी। उदाहरण के लिए, अगर आपने अपने घर पर 1 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया है और वे 700 वॉट बिजली पैदा कर रहे हैं तो आप 600 वॉट तक का लोड आराम से चला सकते हैं। बाज़ार में आपको ऐसे कई इनवर्टर मिल सकते हैं जो आपके लोड को सीधे सोलर पैनलों से चला सकते हैं। इनमें से अधिकांश इनवर्टर ट्रांसफॉर्मरलेस टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं लेकिन वे आमतौर पर महंगे होते हैं। फ्लिन एनर्जी ऐसे इनवर्टर प्रदान करता है लेकिन वे 3kVA कैपेसिटी से शुरू होते हैं। वे इससे कम कैपेसिटी वाले इनवर्टर पेश नहीं करते हैं। फ्लिन एनर्जी के 3kVA सोलर इन्वर्टर की कीमत आपको लगभग ₹65,000 है।
इनबिल्ट बैटरी के साथ सोलर इन्वर्टर
अगर आप मुख्य रूप से दिन के दौरान अधिक बिजली का उपयोग करते हैं और रात में इसकी आवश्यकता नहीं होती है, तो आप इनबिल्ट लिथियम बैटरी के साथ सोलर इन्वर्टर का ऑप्शन चुन सकते हैं। लिथियम बैटरियां आमतौर पर लगभग 3000 लाइफ साइकिल के कारण लगभग 10 सालों तक चलती हैं। अगर आप इन्वर्टर का उपयोग केवल दिन के समय करते हैं तो लिथियम बैटरी की लाइफ और भी अधिक बढ़ जाएगा।
अगर आप दिन के दौरान मुख्य रूप से सोलर पैनलों से अपना लोड चला रहे होंगे हैं तो कम सोलर एनर्जी उपलब्ध होने पर आपकी बैटरी का उपयोग मिनिमल होगा। लिथियम बैटरी सिर्फ 10 के बजाय 15 से 20 साल तक चल सकती है। यह एक्सटेंडेड लाइफस्पेन इसलिए है क्योंकि जब आप सोलर पैनलों पर ज्यादा भरोसा करते हैं तो लिथियम बैटरी कम चार्जिंग साइकिल से गुजरती है और इससे इसका जीवन बढ़ जाता है।
UTL Gamma+ 1kVA लिथियम MPPT सोलर PCU – LiFePO4 बैटरी
इस इन्वर्टर से आप 1 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगा सकते हैं और यह इंटीग्रेटेड लिथियम बैटरी के साथ आता है जिससे बार-बार बैटरी बदलने की परेशानी खत्म हो जाती है। यह सबसे अच्छा सलूशन है क्योंकि बैटरी के बिना कोई भी सिस्टम काम नहीं कर सकता है। सिचुएशन चाहे जो भी हो आपको हमेशा बैटरी की आवश्यकता होगी। सर्दियों के दौरान सोलर पैनलों द्वारा जनरेटेड बिजली काफी कम हो जाती है जिससे सारा लोड केवल सोलर पैनलों पर चलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में, आपको अपना लोड ऑपरेट करने के लिए बैटरी सपोर्ट की आवश्यकता होगी।
अगर आप बार-बार बैटरी बदलने के झंझट से बचना चाहते हैं तो इस सोलर इन्वर्टर का विकल्प चुन सकते हैं। यह बाजार में लगभग ₹40,000 में उपलब्ध है। इसके अलावा सोलर पैनलों की कॉस्ट लगभग ₹28,000 होगी और स्टैंड और वायरिंग की कॉस्ट लगभग ₹10,000 होगी। सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए 1 किलोवाट सोलर सिस्टम की टोटल कॉस्ट लगभग ₹80,000 होगी। इसमें बैटरी बैकअप शामिल है और आपको बैटरी बदलने की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
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