अब आप भी लगवा सकते हैं इंटरनेशनल लेवल के Solar Panel, जानिए तगड़ा बैकअप व कीमत

वर्टीकल बाइफेशियल सोलर पैनल कैसे काम करते हैं जानिए

सोलर पैनलों को मॉडर्न साइंस में सबसे इम्पोर्टेन्ट इन्वेंशन में से एक माना जाता है जो सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिकल पावर में कन्वर्ट करते हैं। उनकी एफिशिएंसी को मक्सिमाइज़ करने के लिए सही डायरेक्शन और एंगल सहित प्रॉपर इंस्टालेशन भी ज़रूरी है। आज के समय में ट्रेडिशनल तरीके से सबसे ज्यादा एफिशिएंसी नहीं गेन कर सकते हैं। इसके लिए वर्टीकल बाइफेसियल सोलर पैनलों को डेवेलप किया गया है जो शानदार एफिशिएंसी के साथ गज़ब की परफॉरमेंस डिलीवर करते हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे इन्ही वर्टीकल बाइफेशियल सोलर पैनलों के बारे में और ये कैसे काम करते हैं।

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल क्या हैं?

सबसे एडवांस्ड वर्टीकल बाइफेशियल सोलर पैनल कैसे काम करते हैं जानिए
Source: Deege SOlar

बाइफेशियल सोलर पैनल सबसे एडवांस्ड टाइप के सोलर पैनल हैं जो डायरेक्ट सनलाइट और रेफ्लेक्टेड लाइट (अल्बेडो लाइट्स) दोनों से बिजली जनरेट कर सकते हैं। ये पैनल वर्टिकली लगाए जाते हैं जिससे वे आगे और पीछे दोनों सरफेस से लाइट को कैप्चर कर सकते हैं। यह यूनिक डिज़ाइन उन्हें ट्रेडिशनल सोलर पैनलों की तुलना में 15% ज्यादा बिजली का प्रोडक्शन करने में सक्षम बनाता है।

रिसर्च और डेवलपमेंट

अमेरिका और यूरोप में कई यूनिवर्सिटी एक्टिवली बाइफेसियल सोलर पैनलों का अध्ययन और विकास कर रहे हैं। इन स्टडीज का उद्देश्य उनकी एफिशिएंसी को और बढ़ाने के लिए उनके डिजाइन और इंस्टालेशन मेथड को ऑप्टिमाइज़ करना है। डच रिसर्चर द्वारा किए गए एक स्टडी में मोनोफेशियल और बाइफेशियल मॉड्यूल की एनर्जी रेटिंग की तुलना की गई। उन्होंने मोनोफ़ेशियल स्टैण्डर्ड के लिए 20-डिग्री मॉड्यूल तितल एंगल का उपयोग किया, यह देखते हुए कि ऑप्टीमल टिल्ट एंगल क्लाइमेट के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

जानिए वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल कैसे बिजली पैदा करते हैं

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल आगे और पीछे दोनों सरफेस से सोलर एनर्जी को एब्सॉर्ब करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो उन्हें काफी एफ्फिसिएंट बनाते हैं।

जब सनलाइट सीधे सोलर पैनल की सामने की सरफेस पर पड़ता है तो यह सोलर सेल के भीतर एक प्रोसेस शुरू करता है। यह पैनल की पिछली सरफेस रिफ्लेक्टेड सनलाइट (अल्बेडो लाइट्स) को कैप्चर करती है जो बिजली प्रोडक्शन में भी कंट्रीब्यूशन देती है। इन पैनलों में सोलर सेल सिलिकॉन से बने होते हैं। जब सनलाइट सिलिकॉन सेल पर पड़ता है तो यह इलेक्ट्रॉनों को एक्साइट करता है जिससे इलेक्ट्रिक करंट जनरेट होता है।

इन सोलर सेल में पी-टाइप और एन-टाइप सेमीकंडक्टर होते हैं जो एक पी-एन जंक्शन बनाते हैं। यह जंक्शन एक इलेक्ट्रिक फील्ड के फार्मेशन में मदद करता है जो इलेक्ट्रॉनों के फ्लो को कंडक्ट करता है जिससे बिजली बनती है। सोलर पैनलों से जनरेट की गयी बिजली को बाद में उपयोग के लिए सोलर बैटरी में स्टोर किया जा सकता है जिससे सूरज की रोशनी न होने पर भी लगातार बिजली की सप्लाई सुनिश्चित होती है। पैनल बस बार्स के माध्यम से जुड़े हुए हैं जो सोलर सेल से इनपुट और आउटपुट टर्मिनलों तक इलेक्ट्रिकल आउटपुट को कलेक्ट करने और ट्रांसमिट करने में मदद करते हैं।

वर्टिकल बाइफेशियल सोलर पैनल के लाभ

Waaree-535-watt-bifacial-solar-panel
Source: LT SuFin

ये सोलर पैनल ट्रेडिशनल पैनलों की तुलना में ज्यादा बिजली पैदा करते हैं क्योंकि ये डायरेक्ट और रेफ्लेक्टेड लाइट दोनों का उपयोग करते हैं जिससे ओवरआल एफिशिएंसी 15% तक बढ़ जाती है। बाइफेसियल सोलर पैनल बिल्डिंग की दीवारों पर इंस्टॉल किया जा सकता है जिससे स्पेस की भी बचत होती है। यह एडिशनल पर्पस के लिए छतों और अन्य क्षेत्रों के बेहतर उपयोग की अनुमति देता है। यह सोलर पैनल शहरी सेटिंग के लिए भी बढ़िया हैं जहां जगह सीमित है।

सोलर एनर्जी के उपयोग से फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो जाती है जिससे वायु प्रदूषण कम होता है और कार्बन फुटपेंट दोनों कम होते हैं। ये पैनल ट्रेडिशनल सोलर पैनलों की तुलना में हाई टेम्प्रेचर से कम प्रभावित होते हैं। एक रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स से बिजली जनरेट करके ये पैनल रेजिडेंशियल और कमर्शियल कंस्यूमर के लिए बिजली बिल कम करने में मदद करते हैं।

यह भी देखिए: अब आपको Solar Water Heater मिलेंगे इतनी सस्ती कीमतों पर

Leave a comment