सोलर पैनल क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं? जानिए इनके फीचर और पूरी डिटेल

सोलर पैनल कैसे काम करते हैं, इनके फीचर्स जानिए

सोलर एनर्जी पूरी दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी सोर्स है जो काफी अमाउंट में अवेलबल है। सूर्य से प्राप्त एनर्जी को सोलर एनर्जी कहा जाता है। आज के समय में विज्ञान का एक इनक्रेडिबल आविष्कार सोलर पैनल है जो सोलर से प्राप्त एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करता है। इसके प्रयोग से एनवायरनमेंट को क्लीन और सेफ रखा जा सकता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे इन्ही सोलर पैनल के फीचर्स के बारे में और कैसे आप इन्हें आसानी से लगा सकते हैं।

आज के मार्केट में ऐसे कई ब्रांड अवेलेबल हैं जो हाई कैपेसिटी और एफिशिएंसी के सोलर पैनल ऑफर करते हैं। सोलर पैनलों का सबसे बड़ा फीचर यह है कि वे बिना किसी प्रदूषण पैदा किए कार्य करते हुए एनवीरोंमेंटली फ्रेंडली इलेक्ट्रिसिटी का प्रोडक्शन करने में सक्षम हैं। वे ग्रिड इलेक्ट्रिसिटी बिल कम कर सकते हैं।

सोलर पैनल खरीदने से पहले यह चीजें जान ले

अगर आप एक बढ़िया सोलर पैनल लगाना चाहते हैं अपने घर की छत पर तो सोलर पैनल के बारे में यह सारे फीचर्स ज़रूर जान लें।

BIS सर्टिफाइड – भारतीय स्टैण्डर्ड ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा सर्टिफाइड कोई भी सोलर पैनल और ब्रांड की क्वालिटी को इंडीकेट करता है। यह प्रोडक्ट की रिलायबिलिटी और सेफ्टी को भी सुनिश्चित करता है। सोलर पैनल खरीदते समय इस जानकारी की जाँच की जानी चाहिए।

ALMM सर्टिफाइड – यह लिस्ट भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है। ALMM मॉडल और मैन्युफैक्चरर की एप्रूव्ड लिस्ट है। इसमें सरकार द्वारा सभी सोलर कंपनियों के उपकरणों का भौतिक निरीक्षण शामिल है। इस लिस्ट में भारत में बनाए गए प्रोडक्ट शामिल हैं।

सोलर पैनलों पर वारंटी – एक रिलाएबल और रेपुटेड सोलर मैन्युफैक्चरर ब्रांड कंस्यूमर को अपने सोलर पैनलों पर वारंटी ऑफर करता है। यह उनके प्रोडक्ट की रिलायबिलिटी को भी रिफ्लेक्ट करता है।

सोलर ब्रांड आमतौर पर दो प्रकार की वारंटी ऑफर करते हैं

सोलर पैनल क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं, इनके फीचर्स और पूरी डिटेल्स जानिए

प्रोडक्ट वारंटी

यह वार्रन्टी सोलर पैनलों पर ऑफर की जाती है। सोलर पैनल में बस बार होते हैं जो एक दूसरे से जुड़े होते हैं। अगर इनमें से किसी भी सर्किट में कोई खराबी आती है, तो पूरा सोलर पैनल ठीक से काम नहीं करता है। सोलर पैनल कंपनी की टर्म्स एंड कंडीशन के अनुसार अगर सोलर पैनल ख़राब होता है, तो वे कंस्यूमर से बिना कोई फी लिए सोलर पैनल बदल देते हैं। ज्यादातर सोलर मैन्युफैक्चरर अपने सोलर पैनलों के लिए 5 से 15 वर्षों तक प्रोडक्ट वारंटी ऑफर करते हैं।

परफॉर्मेंस वारंटी

इस वारंटी के अनुसार हर साल सोलर पैनल की इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन की कैपेसिटी में थोड़ी कमी आती है, जो कि बहुत ही मिनिमम है। सोलर पैनल लगभग 90% कैपेसिटी के साथ लगभग 2 सालों तक काम करते हैं, और 25 वर्षों के बाद, वे 80% कैपेसिटी के साथ इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करते हैं। अगर सोलर पैनल ज्यादा तेज़ी से अपनी कैपेसिटी खो देते हैं, तो सोलर मैन्युफैक्चरर सोलर पैनलों में सुधार करता है। ज्यादातर सोलर ब्रांड अपने सोलर पैनलों के लिए 25 से 30 वर्षों के लिए परफॉरमेंस वारंटी ऑफर करते हैं।

सोलर मैन्युफैक्चरर ब्रांड वैल्यू

किसी भी ब्रांड का सोलर पैनल खरीदने से पहले कंस्यूमर को कंपनी की ब्रांड वैल्यू के बारे में पता होना चाहिए। सोलर एनर्जी कंपनियों पर उनके सोलर पैनलों को लेकर लंबे समय तक भरोसा किया जा सकता है। केवल रेपुटेड ब्रांड ही अपने सोलर पैनल पर वारंटी ऑफर कर सकते हैं क्योंकि वे लंबे समय तक सोलर पैनल से जुड़े बिज़नेस को सपोर्ट कर सकते हैं।

सोलर पैनल के टाइप

सोलर पैनल क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं, इनके फीचर्स और पूरी डिटेल्स जानिए
Source: Amazon.in

भारत में मुख्य रूप से तीन प्रकार के सोलर पैनल लोकप्रिय हैं, जिनका उपयोग आपके सोलर सिस्टम में किया जा सकता है।

पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल – ये ट्रेडिशनल सोलर पैनल हैं जिन्हें उनके नीले रंग से आसानी से पहचाना जा सकता है। ये सोलर पैनल सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाते हैं और इनकी कीमत भी कम होती है। ऐसे सोलर पैनल पर सरकार सब्सिडी भी देती है.

मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल – इन सोलर पैनलों की एफिशिएंसी ज्यादा होती है, और इनका रंग काला या गहरा नीला होता है। इन सोलर पैनलों की कीमत पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनलों से ज्यादा है। ऐसे सोलर पैनल का उपयोग करके आप एक मजबूत सोलर पैनल सिस्टम बना सकते हैं।

बाइफेशियल सोलर पैनल – ये सबसे आधुनिक सोलर पैनल हैं। ये सौर पैनल डायरेक्ट सनलाइट और कनवर्टेड लाइट (अल्बेडो लाइट्स) दोनों से बिजली का प्रोडक्शन करने में सक्षम हैं। इन सोलर पैनलों की एफिशिएंसी ज्यादा होती है, लेकिन इनकी कीमत ज्यादा होती है। बाइफेशियल सोलर पैनलों का उपयोग एडवांस्ड सोलर सिस्टम में किया जा सकता है।

भारत में बिकने वाले टॉप ब्रांड

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Source: Union of Concerned Scientists

भारत में, ऐसे कई सोलर मैन्युफैक्चरर हैं जिनके सोलर पैनलों का यूज़ सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए किया जा सकता है।

  1. टाटा पावर सोलर – टाटा के सोलर पैनल की एफिशिएंसी 18% से 22% तक होती है। यह भारत की सबसे बड़ी सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है जो एक्सीलेंट परफॉरमेंस के लिए जानी जाती है। टाटा भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर के कई देशों में अपने सोलर प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट करता है।
  2. Waaree एनर्जीज़ – यह भारत की टॉप सोलर कंपनियों में से एक है जो अपनी रिलायबिलिटी के लिए जानी जाती है। उनके सोलर पैनल कॉस्ट इफेक्टिव हैं, और वे कई कपैसिटी के पैनल का प्रोडक्शन करते हैं। वे पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन और बाइफेशियल टाइप के सोलर पैनलों का मनुफैक्टर करते हैं।
  3. अडानी सोलर – अडानी सोलर के सोलर पैनल की कैपेसिटी ज्यादा होती है। इनके सोलर पैनल का उपयोग करके आप एक अच्छा और मजबूत सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर सकते हैं। अडानी सोलर के सोलर उपकरण का इस्तेमाल दुनिया भर के कई देशों में किया जाता है।
  4. विक्रम सोलर – वे पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के सोलर पैनलों का मनुफैक्टर करते हैं, जिनकी एफिशिएंसी ज्यादा होती है। उनके सोलर पैनल दुनिया भर के कई देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। विक्रम सोलर अपने सोलर इक्विपमेंट की परफॉरमेंस कैपेसिटी के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है।
  5. ल्यूमिनस – ल्यूमिनस बिजली और सोलर इक्विपमेंट बनाने वाली एक प्रसिद्ध कंपनी है। वे पॉलीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन दोनों प्रकार के सोलर पैनलों का मनुफैक्टर करते हैं।

यह भी देखिए: जानिए सोलर सेल कैसे काम करते हैं और एक सेल कितनी बिजली बनाता है, जानिए पूरी डिटेल

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